(विरासत का मसअला)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
किया फरमाते हैं उलमाए किराम व मुफ्तियाने इज़ाम इस मसअले में कि ज़ैद का कुछ साल पहले इन्तेकाल हो गया है उसने अपने बाद 1 बीवी 5 बेटे और 2 बेटियां छोड़े हैं और जायदाद में एक मकान एक प्लॉट और कुछ कैश अमाउंट है अब दरयाफ्त तलब अम्र यह है कि अज़कुरा वारिसीन के दरमियान ज़ैद की कुल जायदाद की तक़सीम शरीयते मुतह्हरा के मुताबिक़ किस तरह होगी?
साइल:- हाजी नूर आलम खान पठान दाहूद
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
अल'जवाब:- मसअला मज़कुरा में बर तक़दीरे सिद्क़ साइल अगर ज़ैद के वारिसीन में एक बीवी पांच बेटे और दो बेटियां हैं तो ज़ैद के कुल तर्का की तकसीम दर्ज ज़ैल तरतीब के मुताबिक़ की जाएगी
(1) सबसे पहले मैयत (ज़ैद) के माल मत्रूका से हुक़ूक़ मूतक़द्दमा यानी मैयत की तज़हीज़ और तकफ़ीन के अखराजात (खर्च) निकाले जाएंगे।
(2) उसके बाद ज़ैद के ज़िम्मा किसी का क़र्ज़ था तो उसे अदा किया जाएगा वर्ना नहीं
(3) अगर ज़ैद ने कोई जाइज़ वसीयत की थी तो उसके सुलस यानी एक तिहाई 1/3 माल से वसीयत अदा की जाएगी वर्ना नहीं उसके बाद ज़ैद के कुल माले मत्रूका (छोड़ा हुआ माल) (मनक़ूला गैर मनक़ूला) के 96 हिस्से किए जाएंगे जिनमें से ज़ैद की बीवी को आठवां यानी 12 हिस्से मिलेंगे क्योंकि मैय्यत की औलाद होने की सूरत में बेवा को आठवां हिस्सा मिलता है
क़ुरआन मजीद में अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है (فَإِن كَانَ لَكُمْ وَلَدٌ فَلَهُنَّ الثُّمُنُ مِمَّا تَرَكْتُم)(सूरह निसा आयत नo 12)
तर्जमा कंजुल ईमान: फिर अगर तुम्हारे औलाद हों तो उनका तुम्हारे तर्का में से आठवां हिस्सा है।
और हर लड़के को 14 हिस्से और हर लड़की को 7 हिस्से मिलेंगे, अल्लाह तआला क़ुरआन मजीद में इरशाद फरमाता है (یُوْصِیْكُمُ اللّٰهُ فِیْۤ اَوْلَادِكُمْۗ-لِلذَّكَرِ مِثْلُ حَظِّ الْاُنْثَیَیْنِۚ)(सूरह निसा आयत नo 11)
तर्जमा कंजुल ईमान: अल्लाह तआला तुम्हें तुम्हारी औलाद के बारे में हुक्म देता है, बेटे का हिस्सा 2 बेटियों के बराबर है।
लिहाज़ा मज़कुरा बाला (ऊपर बयान किया हुआ) क़ुरआनी आयात की रोशनी में मालुम व मफ़हूम हुआ कि मरहूम (ज़ैद) के माले मत्रूका (मनक़ूला गैर मनक़ूला) के कुल 96 हिस्से किए जाएंगे जिनमें से ज़ैद की बीवी को 12 हिस्से और हर लड़के को 14/14 हिस्से और हर लड़की को 7/7 हिस्से मिलेंगे।वल्लाहु तआला आलम व रसूलहु आलम
लेखक
सैयद मुहम्मद नज़िरुल हाशमी सोहरवर्दी
शाही दारुल क़ज़ा व आस्तानए आलिया गोसिया सोहरवर्दिया दाहूद शरीफ अलहिंद
हिन्दी अनुवादक
मुजस्सम हुसैन मिस्बाही (गोड्डा झारखण्ड)
01 जनवरी 2025
मिंजनिब:- मसाइले शरइया ग्रुप