(एक सजदा करना भूल गया तो क्या हुक्म है ?)

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(एक सजदा करना भूल गया तो क्या हुक्म है ?)

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में कि  नमाज़ में एक सजदा करना भूल गया और खड़ा हो गया तो क्या करे ?
साइल :  रिज़वान रज़ा सूरत

व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : नमाज़ की हर रकात में दो सजदा करना ज़रूरी है अगर किसी रकात का एक सजदा करना भूल जाए तो याद आने पर फौरन कर ले मसलन पहली रकात में एक सजदा भूल गया और दूसरी रकात के क़याम या रकूअ या सजदा में याद आया तो पहले वह छूटा हुवा सजदा कर ले, फिर वह क़याम या रुकूअ या सजदा दोबारा करे जिस में छुटा हुवा सजदा याद आया था और आखिर में सजद ए सहव भी करे और अगर छूटा हुवा सजदा क़अद ए आखिरा में तशहुद के बाद याद आया या सलाम फेरने के बाद याद आया बशर्त कि नमाज़ के मुनाफी कोई फेअल सादिर ना हुवा हो तो अब वह सजदा कर ले उस के बाद तशहुद पढ़ कर सजदा ए सहव करे फिर तशहुद वगैरा पढ़ कर अपनी नमाज़ मुकम्मल करे।

दुर्रे मुख्तार शरह तनवीरुल अबसार में है

" حتی لو نسی سجدة من الاولی قضاہا ولو بعد السلام قبل الکلام  لکنہ یتشہّد ثم یسجد للسہو ثم یتشہّد لانه یبطل بالعود الی الصلبیۃ والتلاویۃ "
इस के तेहत रद्दुल मुहतार में है

" قولہ  (لکنہ یتشہد) أی یقرأ التشہد الی عبدہ ورسولہ فقط ویتمہ بالصلوات والدعوات فی تشہد السہو علی الأصح "

(रद्दुल मुहतार अला दुर्रे मुख्तार जिल्द 1 सफा 463)

और हुज़ूर सदरुश्शरीआ अलैहिर्रहमा तहरीर फरमाते हैं:किसी रकात का कोई सजदा रह गया आखिर में याद आया तो सजदा कर ले फिर अत्तहिय्यात पढ़ कर सजदा सहव करे और सजदा के पहले जो अफआल  नमाज़ अदा किए बातिल ना होंगे हां अगर क़अदा के बाद वह नमाज़ वाला सजदा किया तो सिर्फ वह क़ाएदा जाता रहा।(बहारे शरीअत हिस्सा 4 सफा 711)

और दूसरी जगह तहरीर फरमाते हैं:एक सजदा किसी रकात का भूल गया तो जब याद आए कर ले अगर्चे सलाम के बाद बशर्त की कोई फेअल मुनाफी ना सादिर हुवा हो और सजदा सहव करे(बहारे शरीअत हिस्सा 3 सफा 520) वल्लाहु तआला व रसूलुहुल आला आलमु बिस्सवाब अज़्ज़ व जल व सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम

अज़ क़लम
मुहम्मद फुरक़ान बरकाती अमजदी
21 जमादिल अव्वल 1446 हिजरी मुताबिक़ 24 नवम्बर 2024
हिंदी अनुवादक 
मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
27 जमादिल औव्वल 1446 हिजरी मुताबिक़ 30 नवम्बर 2024 ब रोज़ सनीचर
मीन जानिब : मसाइले शरइय्या ग्रुप

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