(क्या खून है निकलवाने से वज़ू टूट जाता है ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूहसवाल : जिस्म से खून निकलवाने से क्या वज़ू टूट जाता है ?
साइल : मुहम्मद यूसुफ रज़ा इंडिया
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : जिस्म के किसी भी हिस्सा से खून का इतनी मिक़दार में निकलना या उसको निकालना कि वह अपने मखरज से तजावुज़ कर के जिस्म के उस हिस्सा पर बह जाए जिसको वज़ू और गुस्ल में धोना ज़रूरी है वह नवाक़िसे वज़ू में से है, ख्वाह वह खून बिल फेअल यानी मज़कूरा कैफियत के साथ अभी बह रहा हो या बिल क़ूव्वह बहे।यानी उस में इतनी सलाहियत हो कि अगर उसको अपनी हालत पर छोड़ दिया जाए तो मज़कूरा कैफियत के साथ बह जाएगा तो ऐसी सूरत में अगर वज़ू से है तो वज़ू टूट जाएगा।
" عن تميم الداری رضی الله عنه قال:قال رسول الله صلى الله عليه وسلم:الوضوء من كل دم سائل "(سنن الدار قطنی:369/1)
" أما الخارج من غير سبيلين فناقض بشرط أن يصل إلى موضع يلحقه حكم التطهير "(البحر الرائق:62/1)
" وینقضہ خروج کل خارج نجس بالفتح ویکسر، منہ ای من المتوضی الحی معتادا او لا من السبیلین او لا الٰی مایطھر بالبناء للمفعول ای یلحقہ حکم التطھیر، ثم المراد بالخروج من السبیلین مجرد الظھور وفی غیرھما عین السیلان ولو بالقوۃ لماقالوا لومسح الدم کلما خرج ولو ترکہ لسال نقض والا لا "(الدرالمختار علی ردالمحتار:260/1)
वल्लाहु आलमु बिस्सवाब
अज़ क़लम
मुहम्मद मासूम रज़ा नूरी अफी अंह
9 रबीउस्सानी 1446 हिजरी मुताबिक़ 13 अक्टूबर 2024 ब रोज़ इतवार
हिंदी अनुवादक
मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
15 जमादिल औव्वल 1446 हिजरी मुताबिक़ 18 नवम्बर 2024 ब रोज़ सोमवार
मीन जानिब : मसाइले शरइय्या ग्रुप