(किया नमाज़ के लिये मियानी का होना शर्त है ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहूमसअला :- किया फरमाते हैं उलमाए किराम व मुफ्तियाने इज़ाम इस मसअले में कि जिस पाजामे में म्यानी ( बीच का कपड़ा ) न लगी हो किया उसे पहन कर नमाज़ पढ़ना सही है, नमाज़ हो जाएगी ?
साइल :- हाफ़िज़ मुहम्मद निज़ामुद्दीन नेज़ामी, (पिपरा गौतम, बस्ती)
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
अल'जवाब :- जिस पाजामा में मियानी न लगी हो उसको पहन कर नमाज़ पढ़ना सही है नमाज़ हो जाएगी कुछ लोगों में एक बेकार ख़्याल है जिसकी कोई सच्चाई नहीं, क्योंकि मियानी का होना नमाज़ के लिये शर्त नहीं है, बल्कि नमाज़ सही होने के लिये इस तरह कपड़ा होना शर्त है कि बदन छुप सके। जिस तरह लूंगी में नमाज़ हो जाती है इसी तरह बगैर मियानी वाले पाजामा में भी नमाज़ हो जाएगी।
वल्लाहु आलम व रसूलहु आलम
अज़'क़लम
मौलाना अतिक़ुल्लाह सिद्दीक़ी फ़ैज़ी
हिंदी अनुवादक
मुजस्सम हुसैन (गोड्डा, झारखण्ड)
मुक़ीम ( गाजीपुर, उत्तर प्रदेश )
मिंजनिब
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