(शाने गौ़से आज़म रहमतुल्लाह अ़लैहि06)

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(शाने गौ़से आज़म रहमतुल्लाह अ़लैहि06)

 सरकार ﷺ की बिशारत

    मह़बूबे सुब्हा़नी, शैख़ अ़ब्दुल क़ादिर जिलानी के वालीदे माजीद ह़ज़रते सय्यिदुना अबू सालेह़ मूसा जंगी दोस्त रह़मतुल्लाही अ़लैहि ने हुज़ूर गौसे आ'ज़म अ़लैहिर्रह़मा की विलादत की रात मुशाहदा फ़रमाया की सरवरे काइनात, फ़ख़रे मौजूदात ﷺ मअ़ सहा़बाए किराम और औलियाए इज़ाम उनके घर जल्वा अफ़रोज़ है और इन अल्फ़ाज़े मुबारका से उन को खिताब फरमा कर बिशारत से नवाज़ा : ऐ अबू सालेह़! अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ ने तुम को ऐसा फ़रज़न्द अ़ता़ फ़रमाया है जो वली है और वो मेरा और अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का मह़बूब है और उसकी औलिया और अक़्ताब में वैसी ही शान होगी, जेसी अम्बिया और मुरसलीन अ़लैहिस्सलातु वस्सलाम में मेरी शान है।(सीरते गौसे शक़लैन, सफा 55)

      हमारे गौसे पाक की शान किस क़दर बुलंदो बाला है की आप के पैदा होते ही गैब बताने वाले आक़ा ﷺ ने आप के बुलंद मर्तबे और शानो अ़ज़मत की बिशारत दे दी थी नीज़ ये भी बता दिया था की आप तमाम औलिया के सरदार होंगे इसी लिये आप के पैदा होते ही बरकात व तजल्लीय्यात का ज़हूर शुरू हो गया।

 तालिबे दुआ 
 मुहम्मद अनस रज़ा रज़वी
बड़ा रहुवा बायसी पूर्णिया (बिहार)


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