(शाने गौ़से आज़म रहमतुल्लाह अ़लैहि02)
ग़ौसे पाक की विलादत की बिशारत/ सरकार ﷺ की बिशारत
मह़बूबे सुब्हा़नी, शैख़ अ़ब्दुल क़ादिर जिलानी के वालीदे माजीद ह़ज़रते सय्यिदुना अबू सालेह़ मूसा जंगी दोस्त रह़मतुल्लाही अ़लैह ने हुज़ूर गौसे आज़म अ़लैहिर्रह़मा की विलादत की रात मुशाहदा फ़रमाया की सरवरे काइनात, फ़ख़रे मौजूदात ﷺ मअ़ सहा़बाए किराम और औलियाए इज़ाम उनके घर जल्वा अफ़रोज़ है और इन अल्फ़ाज़े मुबारका से उन को खिताब फरमा कर बिशारत से नवाज़ा -ऐ अबू सालेह़ ! अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ ने तुम को ऐसा फ़रज़न्द अ़ता़ फ़रमाया है जो वली है और वो मेरा और अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का मह़बूब है और उसकी औलिया और अक़्ताब में वैसी ही शान होगी, जेसी अम्बिया और मुरसलीन अ़लैहिस्सलातु वस्सलाम में मेरी शान है।
अम्बियाए किराम अ़लैहिस्सलातु वस्सलाम की बिशारत
ह़ज़रते अबू सालेह़ मूसा जंगी दोस्त रह़मतुल्लाही अ़लैह को ख्वाब में शहंशाहे अ़रबो अजम के इलावा जुम्ला अम्बियाए किराम अ़लैहिस्सलातु वस्सलाम ने ये बिशारत दी की "तमाम औलियाउल्लाह तुम्हारे फऱज़न्दे अर्जुमंद के मुतीअ़ होंगे और उन की गर्दनो पर इनका क़दम मुबारक होगा। (ग़ौसे पाक के हा़लात, सफा 22-23/सिरते गौसुस सक़लैन,सफा 55)