जीवन बीमा जायज़ है या नहीं ? क्या इस से हासिल आमदनी हलाल है ?

0

 जीवन बीमा जायज़ है या नहीं ? क्या इस से हासिल आमदनी हलाल है ?


सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए दीन व मिल्लत इस मसअला में की हिंदुस्तान में लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन  बीमा जायज़ है या ना जायज़ ? नीज़ जीवन बीमा से जो आमदनी होती है वह हलाल है या हराम इंदश्शरअ क्या हुक्म है ?

साईल : मोहम्मद ज़ियाउल हक़ क़ादरी, औरंगाबाद महाराष्ट्र

जवाब : हिंदुस्तान में लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा कराना जायज़ है मगर हर शख्स को इजाज़त नहीं, सिर्फ उसको इजाज़त है जिसको अपनी मौजूदा माली हालत के साथ 3 साल की मुकर्ररा या उस के बाद की मुद्दत मौसआ तक 3 साल की तमाम क़िस्तें जमा करने का ज़न्ने गालिब मुल हक़ बिल यक़ीन हो और जिसकी मौजूदा माली हालत मुद्दत ए मौसआ तक 3 साल की पॉलिसी क़ायम रखना के क़ाबिल नहीं उसका ज़न्ने गालिब मुल हक़ बिल यक़ीन नहीं तो ऐसे शख्स को बीमा पॉलीसी की इजाज़त नहीं ।(सहीफ ए फिक़्ह इस्लामी सफा 32)

जिंवन बीमा से हासिल शुदा आमदनी हलाल है उसे अपने दीनी व दुनियावी उमूर में सर्फ करना भी जायज़ है कि नफा हक़ीक़त में सूद नहीं बल्कि एक जायज़ माल है जो मालिक की रज़ा से मिलता है  ।

तहक़ीक़ व तफसील के लिए रिसाला जदीद बैंक कारी और इस्लाम का मुतालआ करें

والله تعالی اعلم بالصواب

अज़ क़लम : मोहम्मद अरशद रज़ा निज़ामी मिस्बाही

हिंदी ट्रांसलेट : मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)





Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)
AD Banner
AD Banner AD Banner
To Top