(शाने गौ़से आज़म रहमतुल्लाह अ़लैह12)

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(शाने गौ़से आज़म रहमतुल्लाह अ़लैह12)

 आप के बयान मुबारक की बरकतें
   
 ह़ज़रते बज़्ज़ाज़ रह़मतुल्लाही अ़लैहि फ़रमाते है।मेने ह़ज़रते शैख़ अ़ब्दुल क़ादिर  जिलानी से सुना की आप कुरसि पर बैठे फ़रमा रहे थे की मेने हुज़ूर सय्यिदे आ़लम ﷺ की ज़ियारत की तो आप ने मुझे फ़रमाया

 बेटा तुम बयान क्यूं नहीं करते ?

मेने अ़र्ज़ किया ऐ मेरे नानाजान ! में एक अ़ज़िम कार्ड हुं, बग़दाद में फूसहा के सामने बयान कैसे करूं ?आप ﷺ ने मुझे फ़रमाया  बेटा अपना मुह खोलो  मेने अपना मुह खोला, तो आप ﷺ ने मेरे मुह में सांत दफा लुआ़बे मुबारक डाला और मुझसे फ़रमाया की लोगो के सामने बयान किया करो और उन्हें अपने रब की तरफ़ उ़म्दा हिक्मत और नसीह़त के साथ बुलाओ।

    फिर मेने नमाज़े ज़ोहर अदा की और बैठ गया, मेरे पास बहुत से लोग आए और मुझ पर चिल्लाए, इसके बाद मेने ह़ज़रते अ़ली इब्ने अबी तालिब की ज़ियारत की, की मेरे सामने मजलिस में खड़े है और फरमाते है की "ऐ बेटे तुम बयान क्यूं नहीं करते ? मेने अ़र्ज़ की ऐ मेरे वालिद ! लोग मुझ पर चिल्लाते है।फिर आप ने फ़रमाया ऐ मेरे फ़रज़न्द! अपना मुँह खोलो। मेने अपना मुह खोला तो आप ने मेरे मुह में 6 दफा लुआ़ब डाला,मेने अ़र्ज़ की आप ने 07 दफा क्यूं नहीं डाला ? उन्होंने फ़रमाया रसूलुल्लाह ﷺ के अदब की वजह से। फिर वो मेरी आँखों से ओझल हो गए।

    हुज़ूर गैस आज़म रह़मतुल्लाही अ़लैहि का पहला बयान इज्तिमाए बरानिया में माहे शव्वालुल मुकर्रम 521 ही. में अ़ज़ीमुश्शान मजलिस में हुवा जिस पर हैबत व रौनक़ छाई हुई थी! औलियाए किराम और फिरिश्तो ने उसे ढांपा हुवा था, आप ने किताब व सुन्नत की तसरिह के साथ लोगो को अल्लाह तआ़ला की तरफ बुलाया तो वो सब इताअ़त व फ़रमा बरदारी के लिये जल्दी करने लगे। 40 साल तक इस्तिक़ामत से बयान फ़रमाया.ग़ौसे पाक रह़मतुल्लाही अ़लैहि के फऱज़न्दे अर्जुमन्द अ़ब्दुल वह्हाब रह़मतुल्लाही अ़लैहि फ़रमाते है की हुज़ूर शैख़ अ़ब्दुल क़ादिर जिलानी रह़मतुल्लाही अ़लैहि ने 521 ही. से 561 ही. तक 40 साल मख़लूक़ को वाज़ो नसीह़त फ़रमाई।(ग़ौसे पाक के हा़लात, सफा 34.35)

तालिबे दुआ 
 मुहम्मद अनस रज़ा रज़वी
बड़ा रहुवा बायसी पूर्णिया (बिहार)




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