मस्जिद की लाइट से मोबाइल चार्ज करना कैसा है

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 मस्जिद की लाइट से मोबाइल चार्ज करना कैसा है

 सवाल  : हुज़ूर मस्जिद में मोबाइल चार्ज करना कैसा है बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
 साईल :  अज़हर खान
 जवाब  : मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करना किसी के लिए भी जायज़ नहीं चाहे वह इमाम हो या मुअज़्जीन मुअतकीफ हो या मुसाफीर सबके लिए यक्सा हुक्म है क्योंकि मस्जिद के आलात व असबाब और साज़ो सामान में तसर्रूफ का हक़ बदें को नही है फतावा ए रिज़वीया के हवाले से चंद मसला मुलाहिज़ा फरमाएं  अदम जवाज़ खुद बखुद ज़ाहिर हो जाएगा
 पानी क़ुदरत का एक अज़ीम अतिया और इंसान की सबसे बड़ी ज़रूरत है इसलिए ब वक़्त ज़रूरत मस्जिद के कुवें से पानी भरने की इजाज़त नहीं लेकिन मस्जिद की रस्सी और डोल से गैर नमाज़ी के लिए पानी भरना मना है आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी अलैहिर्रहमा फरमाते हैं 
 कुवें (मस्जिद के कुवें से पानी भरने) की ममानअत नहीं हो सकती रस्सी डोल अगर मस्जिद का है उसकी हिफाज़त करें गैर नमाज़ी के लिए इस से ना भरने दे
 जब मस्जिद की रस्सी और डोल जैसी चीज़ की इजाज़त नहीं तो मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करने की इजाज़त कैसे हो सकती है ? आम लोग के अलावा मोअतकिफ और मुसाफिर को भी मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करने की इजाज़त नहीं अगर मोअतकिफ और मुसाफिर मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करेंगे तो ला मोहाल बातें भी करेंगे और मस्जिद इसलिए नहीं बनाई गई कि उसमें दुनियावी बातें की जाए मस्जिद तो सिर्फ ज़िक्र व अज़कार नमाज़ और तिलावते कुरान के लिए है  मुस्लिम शरीफ में है 
 ("انماھی لذکر اللہ والصلوۃ وقراءۃ القرآن ۔ اھ)
 तर्जुमा  मसाजिद तो ज़िक्र ए इलाही नमाज़ और तिलावते कुरान के लिए हैं
 इस हदीस पाक की रौशनी में हम कह सकते हैं कि मस्जिद मोबाइल चार्ज करने के लिए भी नहीं है इसलिए मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करना जायज़ नहीं
 मस्जिद में बे ज़रूरत से शदीद दरख़्त बोना मना है और उसके फल फूल बे क़िमत नहीं ले सकते जब मस्जिद के फल फूल बे क़िमत नहीं ले सकते तो मस्जिद की बिजली से बिला क़िमत मोबाइल कैसे चार्ज कर सकते हैं  फतावा ए रिज़वीया में है  अहले मोहल्ला या कोई उसे मस्जिद के साज़ो सामान को अपने तसर्रूफ में कर ले यह हराम है उसे दूसरी मस्जिद को दे दें यह भी हराम खुलासा कलाम की मस्जिद के सामान में तसर्रूफ करना और मस्जिद की बिजली से मोबाइल चार्ज करना किसी के लिए भी जायज़ नहीं अगर कोई मस्जिद की बिजली से अपने मोबाइल में चार्ज कर ले तो ऐसी एहतियातन उस की क़िमत और मुआविज़ा मस्जिद को अदा कर दें (माखूज़  मोबाइल फोन के ज़रूरी मसाइल सफा १४२ ता १४३)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
 अज़ क़लम 
 मोहम्मद मुशाहिद रज़ा क़ादरी रज़वी



 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)



 


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