बैंक से लोन लेकर कुर्बानी करना कैसा
सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम मसला हाज़ा के बारे में कि ज़ैद बैंक से लोन लेकर कुर्बानी करना चाहता है ज़ैद का यह अमल कैसा है ? शरई रहनुमाई फरमाएं करम होगा
साईल : रहमत अली (चेन्नई)
जवाब : जिस पर कुर्बानी वाजिब है अगर उसके पास उस वक़्त पैसे ना हो तो क़र्ज़ ले कर या कोई चीज़ बेचकर कुर्बानी करे अलबत्ता मालिक ए निसाब के पास अगर कुछ रक़म या बेचने की आशिया ना हो तो बैंक से लोन लेकर कुर्बानी कर सकते हैं और अगर कुर्बानी वाजिब ना हो तो क़र्ज़ या फिर लोन लेकर कुर्बानी करने की ज़रूरत नहीं जैसा कि हुजूर सदरूश्शरिया बदरूत्तरिक़ा अलैहिर्रहमां फरमाते हैं
अगर कुर्बानी किसी पर वाजिब है और उस वक़्त उसके पास रुपया नहीं तो क़र्ज़ लेकर या कोई चीज फरोख्त कर के कुर्बानी का जानवर हासिल करे और कुर्बानी करे(रजविया जिल्द २० स ३७०)
والله اعلم بالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद मासूम रज़ा नूरी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)