क्या मुखन्नस पर शरई हुक्म नाफीज़ होगा या नहीं
सवाल : मुफ्तीयान ए एज़ाम की बारगाह में एक सवाल है क्या मुखन्नस पर शरई हुक्म नाफीज़ होगा
जवाब : उमूर ए दीन उनके मामले में सबसे ज़्यादा मोहतात मसला एख्तेयार किया जाएगा चाहे उसका तअल्लुक़ औरतों से हो या मर्दों से
(दुर्रे मुख्तार)
इस की चंद मिसालें मन दरजा जेल़
(१) नमाज़ में बैठने की हैयअत और सत्र वगैरा के बारे में उनके अहकाम औरतों वाले होंगे (फतावा ए सेराजिया)
(२) अगर बाजमाअत नमाज़ में हाजिर हो तो उन्हें मर्दों के पीछे खड़ा किया जाएगा (दुर्रे मुख्तार)
(३) उनके लिए ना मोहरम के साथ खलवत एख्तेयार करना ना जायज़ व हराम है (ऐज़न)
(४) उनके लिए रेशम और नाजायज़ जे़वर जैसे सोना पीतल तांबा वगैरह की अंगूठी छल्ले या चांदी की साढे चार माशा से ज़्यादा की अंगूठी पहनना ना जायज़ है
(५) क्योंकि उनमें औरत होने का एहतमाल भी मौजूद है लिहाज़ा यह बगैर मोहरम के शरई सफर एख्तेयार नहीं कर सकते (ऐज़न)
(६) अगर यह मुर्तद हो जाएं तो उन्हें कत्ल ना किया जाएगा (फतावा ए सेराजिया)
(७) अगर यह जिहाद में हिस्सा लें तो बाक़ायदा उनके लिए कोई हिस्सा मोकर्र नहीं हाँ औरतों के मिस्ल थोड़ा बहुत दिया जाएगा (फतावा ए सेराजिया)
(८) अगर यह हज या उमरा करें तो औरतों वाला अहराम होगा
(९) मर जाने की सूरत में उन्हें गुस्ल दिया जाएगा अगर जी रहम मोहरम हो तो पानी के साथ और अगर कोई मोहरम ना हो तो फिर अजनबी शख्स हाथ पर कपड़ा लपेटकर पाक मिट्टी से तयममूम कराएगा (फतावा ए आलमगिरी)
(१०) उनका जनाज़ा पढ़ा जाएगा (हिदाया)
(११) उन्हें औरतों की मिस्ल पांच कपड़ों में कफन दिया जाएगा
(१२) अगर यह किसी को ज़िना की तोहमत लगाएं तो उन पर हद्दे क़ज़फ जारी होगी
(१३) अगर उन पर कोई ज़िना की तोहमत लगाए तो उस पर हद्द क़ज़फ नहीं (ऐज़न)
(१४) अगर यह चोरी करें और तमाम शराईत पाई जाएं तो इनका हाथ काटा जाएगा (ऐज़न)
(१५) इमाम ए आज़म अबू हनीफा के नज़दीक वरासत के मसले में औरतों के हुक्म में होंगे (हिदाया) (हवाला हमारे मसाईल और उनका हल जिल्द २ सफा २३२)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ क़लम
जवाब : उमूर ए दीन उनके मामले में सबसे ज़्यादा मोहतात मसला एख्तेयार किया जाएगा चाहे उसका तअल्लुक़ औरतों से हो या मर्दों से
(दुर्रे मुख्तार)
इस की चंद मिसालें मन दरजा जेल़
(१) नमाज़ में बैठने की हैयअत और सत्र वगैरा के बारे में उनके अहकाम औरतों वाले होंगे (फतावा ए सेराजिया)
(२) अगर बाजमाअत नमाज़ में हाजिर हो तो उन्हें मर्दों के पीछे खड़ा किया जाएगा (दुर्रे मुख्तार)
(३) उनके लिए ना मोहरम के साथ खलवत एख्तेयार करना ना जायज़ व हराम है (ऐज़न)
(४) उनके लिए रेशम और नाजायज़ जे़वर जैसे सोना पीतल तांबा वगैरह की अंगूठी छल्ले या चांदी की साढे चार माशा से ज़्यादा की अंगूठी पहनना ना जायज़ है
(५) क्योंकि उनमें औरत होने का एहतमाल भी मौजूद है लिहाज़ा यह बगैर मोहरम के शरई सफर एख्तेयार नहीं कर सकते (ऐज़न)
(६) अगर यह मुर्तद हो जाएं तो उन्हें कत्ल ना किया जाएगा (फतावा ए सेराजिया)
(७) अगर यह जिहाद में हिस्सा लें तो बाक़ायदा उनके लिए कोई हिस्सा मोकर्र नहीं हाँ औरतों के मिस्ल थोड़ा बहुत दिया जाएगा (फतावा ए सेराजिया)
(८) अगर यह हज या उमरा करें तो औरतों वाला अहराम होगा
(९) मर जाने की सूरत में उन्हें गुस्ल दिया जाएगा अगर जी रहम मोहरम हो तो पानी के साथ और अगर कोई मोहरम ना हो तो फिर अजनबी शख्स हाथ पर कपड़ा लपेटकर पाक मिट्टी से तयममूम कराएगा (फतावा ए आलमगिरी)
(१०) उनका जनाज़ा पढ़ा जाएगा (हिदाया)
(११) उन्हें औरतों की मिस्ल पांच कपड़ों में कफन दिया जाएगा
(१२) अगर यह किसी को ज़िना की तोहमत लगाएं तो उन पर हद्दे क़ज़फ जारी होगी
(१३) अगर उन पर कोई ज़िना की तोहमत लगाए तो उस पर हद्द क़ज़फ नहीं (ऐज़न)
(१४) अगर यह चोरी करें और तमाम शराईत पाई जाएं तो इनका हाथ काटा जाएगा (ऐज़न)
(१५) इमाम ए आज़म अबू हनीफा के नज़दीक वरासत के मसले में औरतों के हुक्म में होंगे (हिदाया) (हवाला हमारे मसाईल और उनका हल जिल्द २ सफा २३२)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद इस्माईल खान अमजदी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)