(हाथ में कड़े और धागे बांधना कैसा है)

0

 हाथ में कड़े और धागे बांधना कैसा है

 सवाल  : हज़रत मेरा एक सवाल है कि जो लोग बाज़ू में कड़े और धागे वगैरा बांधते हैं और कहते हैं कि यह कलियर शरीफ का है कोई कहता है अजमेर शरीफ का है क्या यह बाज़ू में बांधना जायज़ है कि नहीं बहवाला जवाब इनायत फरमाएं बड़ी मेहरबानी होगी आपकी

 जवाब  : हाथ में धागा कड़े वगैरा अजमेर शरीफ का हो या कलियर शरीफ का किसी भी जगह का बांधना जायज़ नहीं है जैसा कि मरकज़ ए तरबियत इफ्ता में है 
 अजमेर शरीफ या किसी भी जगह का धागा हाथ में बांधना जायज़ नहीं कि इस में मुशरेकीन से मुशाबहत है वह भी अपने तिरथ स्थानों से इसी क़िस्म के धागे लाकर बांधते हैं नेज़ उनका एक त्योहार रक्षा बंधन है जिस में इसी क़िस्म के धागे बांधे जाते हैं और तशबीह बिल गर्ज़ नाजायज़ व गुनाह है हुजूर शारीह बुखारी मुफ्ती मोहम्मद शरीफुल हक़ साहब अमजदी अलैहिर्रहमा फरमाते हैं कि 
 मुसलमानों को यह जायज़ नहीं कि धागा हाथ में बांधें इसमें मुशरेकिन के साथ तशबीह है और हदीस शरीफ में है
 من تشبہ بقوم فھو منھم
 (माहनामा अशरफिया अप्रैल १९९८) (फतावा ए मरकज़ ए तरबियत इफ्ता जिल्द २ सफा ४३६)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
 अज़ क़लम  
 मोहम्मद रिहान रज़ा रज़वी




 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)
AD Banner
AD Banner AD Banner
To Top