(घर में नमाज़ ए तरावीह होती है क्या ?)

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( घर में नमाज़ ए तरावीह होती है क्या ?)

 सवाल  : उलमा ए किराम व मुफ्तीयान ए दीन क्या फरमाते इस मसले पर की नमाज़ तरावीह की जमात घर में होती है और नमाज़ तरावीह की जमात में बड़े अब्बू और भाई भतीजा भांजे और दूसरे मोहरम गैर मोहरम सब नमाज़ तरावीह की जमात में शामिल होते हैं और औरतें भी नमाज़ तरावीह की जमात में शामिल हो जाएं तो औरत मर्द के साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं क्या जैसे औरत मां बेटी बहन बीवी भाभी भतीजी भांजी यह सब औरतें नमाज़ तरावीह की जमात में शामिल हो जाएं तो औरतों की भी नमाज़ मर्दों के साथ हो जाएगी क्या मर्द और औरत दोनों जमात के साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं इस मसला का जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
 साईल :  अब्दुर रहमान (राजस्थान)


 जवाब  : हज़रत अबू मालिक अशअरी रज़ि अल्लाहू तआला अंह से नक़ल फरमाते हैं कि नमाज़ में पहले मर्दों की सफ फिर बच्चे फिर औरतें
 हज़रत अबू हुरैरा रज़ि अल्लाहू अंह नबी करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम से नक़ल फरमाते हैं कि  रसूलूल्लाह सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने फरमाया मर्दों की बेहतरीन सफ पहली और आखरी सफ बदतरीन है और औरतों की बदतरीन सफ पहली और बेहतरीन आखरी है
 (سنن الکبری بیہقی جلد4ص32)
 औरतों की कोई भी जमाअत जायज़ नहीं है चाहे वह ईद हो बक़र ईद या जुम्मा एक सूरत है घर में जमाअत हो रही है और इमाम मर्द है तो चँद एहतियातों के साथ उसमें शिरकत की इजाज़त है औरत पीछे ही खड़ी होगी वह भी इस तौर पर कि किसी भी तरह मर्द के मुहाज़ा ना हो बच्चियों का हुक्म औरतों का सा है और घर में बच्चा तनहा है तो बालिगों के साथ खड़ा होगा और कई बच्चे हैं तो मर्दों की सफ के बाद बच्चों की मुस्तक़िल सफ लगाई जाएं और यह वही खड़े होंगे
 सफों की तरतीब के बारे में फतावा ए आलम गिरी देखें
 एक घर में तन्हा एक मर्द है और कई औरतें अब अगर उन औरतों में उस मर्द का कोई मोहरम रिश्ता मसलन मां बहन बीवी और बांदी में से कोई भी हो तो वह मर्द उन औरतों की इमामत कर सकता है वरना नही
 (घरों में नमाज़ बाजमाअत की शरई मसाइल सफा १४)
 दुर्रे मुख्तार में है  
 تکرہ امامة الرجل هن فى بىت ليس معهن رجل غىره ولامحرم منه ك-أخته
 (أوزوجته أو أمته أمااذكان معهن واحد ممن ذكر أو أمهن فى المسجد لا  كتاب الصلوة باب الامامة ج2.ص.307)
   والله و رسولہ اعلم باالصواب
 अज़ क़लम 
मोहम्मद इम्तियाज़ क़मर रिज़वी



 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)



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