(दुकान खोलते वक़्त अगरबत्ती जलाना कैसा है)

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 दुकान खोलते वक़्त अगरबत्ती जलाना कैसा है

 सवाल  : उलमा ए किराम की बारगाह में एक सवाल है कि क्या दुकान खोलते वक़्त अगरबत्ती जलाना सही है या गलत जवाब इनायत फरमाएं करम होगा 
 साईल :  मोहम्मद जाबीर अली (गोंडा)

 जवाब  : जला सकते हैं अलबत्ता जरूरी नहीं मेरा नज़रिया है कि अगरबत्ती वगैरा से बचें इस लिए की माहेरीन डॉक्टर का कहना है की अगरबत्ती में बहुत केमिकल ऐसे मिले हुए कि उसका धुवां सांस व क़ल्ब वगैरा के लिए शदीद मुज़र है हाँ यह ज़रूरी है की सुब्ह की नमाज़ पढ़कर तब दुकान खोले ताकि कारोबार में बरकतें नाज़िल हो
 जैसा कि हदीस में है 
 عن سلمان قال سمعت رسول اللہﷺ یقول من غداالی صلوٰةالصبح غدا برایةالایمان ومن غداالی السوق غدابرایة ابلیس؛
 हज़रत सलमान रज़ि अल्लाह तआला अंह ने कहा कि मैं ने नबी करीम सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की फरमाते हुए सुना कि जो शख्स फज़र की नमाज़ को गया वह ईमान का झंडा लेकर गया और सुबह सवेरे बाज़ार की तरफ गया तो वह शैतान का झंडा लेकर गया
 ((ابن ماجہ حوالہ انوارالحدیث صفحہ١٥١ شبیر برادرز لاھور))
والله و رسولہ اعلم باالصواب
 अज़ क़लम  
उबेदुल्लाह रिज़वी बरेलवी



 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)



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