औरतों को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से किसने रोका ? क्यों ? और कब
सवाल : उलमा ए किराम से मेरा एक सवाल है कि औरतों को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से किस के दौर में रोका गया और किसने रोका जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
साईल : फक़िर क़ादरी मोहम्मद शकील अहमद रिज़वी (किशनगंज बिहार)
जवाब : (मस्जिद में औरतों का दाखिल ना होना यह हज़रत सैयदना उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू अंह के ज़माने में हुआ) और मस्जिद में औरतों को नमाज़ पढ़ने से हज़रत सैयदना उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू अंहू ने ही रोका है इनाया शरहे हिदाया में है की
साईल : फक़िर क़ादरी मोहम्मद शकील अहमद रिज़वी (किशनगंज बिहार)
जवाब : (मस्जिद में औरतों का दाखिल ना होना यह हज़रत सैयदना उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू अंह के ज़माने में हुआ) और मस्जिद में औरतों को नमाज़ पढ़ने से हज़रत सैयदना उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू अंहू ने ही रोका है इनाया शरहे हिदाया में है की
لقد نھی عمر رضی اللہ تعالیٰ عنہ النساء عن الخروج الی المساجد فشکون الی عائشہ رضی اللہ تعالیٰ عنھا فقال لو علم النبی صلی اللّٰہ علیہ وسلم ما علم عمر ما اذن لکن فی الخروج
हज़रत उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू तआला अंह ने मस्जिद की हाजरी से रोका तो औरतों ने उम्मुल मोमिनीन हज़रते आईशा रज़ि अल्लाहू तआला अन्हा से शिकायत की आप ने फरमाया आज उमर पर औरतों की जो हालत ज़ाहिर हुई है हुज़ूर सल्लल्लाही अलैही वसल्लम के ज़माना मुबारका में ज़ाहिर होती तो आप भी औरतों को मस्जिद की हाजरी की इजाज़त ना देते
बुखारी शरीफ जिल्द १ सफा १२० में है
لودرک رسول اللہ صلی اللّٰہ علیہ وسلم ما احدث النساء لمنعھن کما منعت نساء بنی اسرائیل
अगर हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम आज का ज़माना पाते और औरतों में यह नई बातें देखते तो आप भी उनको मस्जिद से रोक देते जैसे बनी इसराइल की औरतें रोकी गई तो हज़रत उमर फारूक़ ए आज़म रज़ि अल्लाहू तआला अंह और उनके साथ उम्मुल मोमिनीन रज़ि अल्लाह तआला अन्हा बल्कि आम मुसलमानों ने यह जरूरी जाना कि दफा ए फितना की गर्ज़ से औरतों को मस्जिद की हाजरी से रोका जाए और अल्लाह और उसके रसूल के हुकुम आम पर अमल दर आमद किया जाए
लिहाज़ : फितना की वजह से रोक दिया गया
इरशाद ए बारी है कुरान पाक की सूरह बक़रा में अल्लाह फरमाता है
الفنتہ اشد من القتل
फितना कत्ल से भी ज्यादा सख्त है (फतावा ए बहरूल उलूम जिल्द १ किताबुस्सलात सफा १९७ ता १९८)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ क़लम
अब्दुल वाहिद रज़ा कोटा जंक्शन (राजस्थान)
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)