बगैर रोज़ा रखे एतिकाफ करना कैसा है
सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला में की रमज़ानुल मुबारक में बगैर रोज़ा रखे एतिकाफ करना कैसा है कुरान और हदीस की रौशनी में जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
साईल : मोहम्मद आतिफ रज़ा
जवाब : एतिकाफ सुन्नत यानी रमज़ानुल मुबारक की पिछली 10 तारीखों में जो किया जाता है उसमें रोज़ा शर्त है लिहाज़ा अगर किसी ने बगैर रोज़ा के एतिकाफ किया तो सुन्नता अदा ना होगी बल्कि नफल होगा
जैसा कि हुजूर सदरूश्शरिया अलैहिर्रहमां तहरीर फरमाते हैं कि एतिकाफ सुन्नत यानी रमज़ान शरीफ की पिछली 10 तारीखों में जो किया जाता है उसमें रोज़ा शर्त है लिहाज़ा किसी मरीज या मुसाफिर ने एतिकाफ तो किया मगर रोज़ा ना रखा तो सुन्नत अदा ना हुई बल्कि नफल हुए(बहारे शरीयत जिल्द १ हिस्सा ५ एतिकाफ का बयान)
लिहाज़ा एतिकाफ सुन्नत यानी रमज़ानुल मुबारक की पिछली 10 तारीखों में जो किया जाता है उसमें रोज़ा शर्त है बगैर रोज़ा के एतिकाफ करने से सुन्नता अदा ना होगी
والله و رسولہ اعلم بالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद सादिक़ आलम रज़वी