तयम्मुम करने का तरीक़ा क्या है
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की तयम्मुम का मुकम्मल तरीक़ा बताएं और किन चीजों से तयम्मुम कर सकते हैं और किन चीजों से नहीं कर सकते हैं
साईलमोहम्मद शफाअत रज़ा (जम्मू कश्मीर)
जवाब तयम्मुम करने का मसनून तरीक़ा यह है कि पहले नियत करे फिर बिस्मिल्लाह कहे फिर उंगलियां खुली हुई रखकर हाथ को ज़मीन पर मारेधूल ज़्यादा लग जाए तो हाथों को झाड़ ले यानी एक हाथ के अंगूठे के जड़ को दूसरे हाथ के अंगूठे के जड़ पर मारेना इस तरह की ताली की सी आवाज़ निकलेपहले मुंह का मसह करेअगर दाढ़ी हो तो दाढ़ी का खिलाल करेफिर हाथ का मसह करे पहले दाहिने हाथ फिर बाएं का मसह करेउंगलियों का खिलाल करे जबकि गुबार पहुंच गया हो और अगर गुबार ना पहुंचा मसलन पत्थर बगैर किसी चीज़ पर हाथ मारा जिस पर गुबार ना हो तो खिलाल फर्ज़ हैहाथों के मसह में बेहतर तरीक़ा यह है कि बाएं हाथ के अंगूठे के अलावा चार उंगलियों का पेट दाहिने हाथ के पुश्त पर रखे और उंगलियों के सरों से कोहनी तक ले जाए और फिर वहां से बाएं हाथ की हथेली से दाहिने के पेट को मस करता हुआ गट्टे तक लाए और बाएं अंगूठे के पेट से दाहिने अंगूठे की पुश्त का मसह करे यूंहीं दाहिने हाथ से बाएं का मसह करे और एकदम से पूरे हथेली और उंगलियों से मसह करेदोनों का मसह पे दर पे करे यानी ताखीर ना करे
याद रहे नियत करना चेहरा का मसह करना और दोनों हाथों का मसह करना फर्ज़ हैलिहाज़ा एहतियात से करे कि कोई जगह छूटने ना पाएतयम्मुम में सर और पैर का मसह नहीं है,
तयम्मुम हर उस चीज़ से हो सकता है जो जींस ज़मीन से हो यानी जो चीज़ आग से जल कर ना राख होती है ना पिघलती है ना नरम होती है वह ज़मीन की जींस से है
इस से तयम्मुम जायज़ है : रैताचूनासुरमाहरतालगंधकमुर्दा सिंहगेरूपत्थर ज़बरजदफिरोजाअक़ीक़ज़मरद वगैरा ज्वाहर से तयम्मुम जायज़ है अगर्चे इन पर गुबार ना होऔर जो चीज़ ज़मीन की जींस से नहीं उस से तयम्मुम जायज़ नहीं, (माखूज़ अज़ बहारे शरीअत हिस्सा २तयम्मुम का बयान)
والله و رسولہ اعلم بالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)