जिसे पेशाब के बाद क़तरा आता हो वह क्या करे
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की अगर किसी इंसान को यह बीमारी हो कि पेशाब करके खड़े होने के बाद एक दो बूंद पेशाब के क़तरे कपड़े में लग जाए तो क्या इंसान पाक रहेगा या नापाक हो जाएगा ? और बगैर बीमारी के बाद भी कभी ऐसा हो तो क्या हुक्म है मेहरबानी करके जल्दी जवाब इनायत फरमाएं
साईलमोहम्मद क़ासिम रज़ा
जवाब क़तरा दो क़तरा पेशाब लगने से ना इंसान नापाक होता है ना ही कपड़ा नापाक होता है अलबत्ता वजू जाता रहता है हां अगर फैल कर एक दिरहम में लग गया तो कपड़ा नापाक हो जाएगा आदमी नहीं नापाक होगायानी कपड़े को धोकर या बदल कर नया वजू करके नमाज़ पढ़ सकते हैं और अगर एक दिरहम से कम लगा हो तो धोना सुन्नत है, (आम कुतूबे फिक़्ह)
जिसको भी क़तरा की बीमारी हो वह सुब्ह सुब्ह छुहारा इस्तेमाल करे इन शा अल्लाह यह बीमारी जाती रहेगी
लेकिन जब तक यह बीमारी दूर ना हो उस पर लाज़िम है कि इस्तिबरा करे यानी पेशाब करने के बाद मिट्टी वगैरा या पुराना कपड़ा अज़ू मखसुस पर लगा कर चंद क़दम चले ताकि रुका हुआ क़तरा गिर जाए फिर जब इत्मीनान हो जाए धो ले
والله و رسولہ اعلم بالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)