मैसेज के ज़रिए तलाक

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  मैसेज के ज़रिए तलाक

 सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम मुफ्तियाने इज़ाम कि "ज़ैद ने अपनी बीवी को मैसेज में तलाक़ लिखा तो क्या इससे तलाक़ वाक़य होती है या नहीं??

 जवाब :- सामने से तलाक़ देने या खत व किताबत के ज़रिये दूर से तलाक़ दें, दोनों ही सूरत में तलाक़ हो जायेगी| तलाक़ वाक़य होने के लिये सामने औरत की मौजूदगी ज़रूरी नहीं है! मैसेज की हैसीयत खत व किताबत की है यानी मैसेज की तहरीर किताबत के हुक़्म में है।

 शरिया काउंसिल ऑफ इंडिया, बरेली शरीफ की फिक़्ही सेमिनार 5 जुलाई 2010 में इस पर फैसला हो चुका है और खत व किताबत से यानी बा-ज़रिये खत या बा-ज़रिये तलाक़ हो जाता है! लिहाज़ा मैसेज के ज़रिये तलाक़ देने और शौहर के इक़रार कर लेने के बाद तलाक़ हो जाएगी।हाँ, बा-ज़रिये खत या बा-ज़रिये मैसेज तलाक़ देने से शौहर का इक़रार ज़रूरी है।( मोबाइल फ़ोन के मसाइल, सफ़ह :- 123)




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