क्या देवबंदी वहाबी हुजूर अलैहिस्सलाम की उम्मत हैं

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 क्या देवबंदी वहाबी हुजूर अलैहिस्सलाम की उम्मत हैं


 सवाल  क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला में की क्या देवबंदी वहाबी और काफिर भी हुजूर अलैहिस्सलाम की उम्मत हैं 

 साईलहाफिज़ मोहम्मद रज़ा पटना (बिहार)


 जवाब  देवबंदी वहाबी हों या काफिर हों या यहूदो नसारा सब के सब हुजूर अलैहिस्सलाम की उम्मत हैंउनको हुजूर अलैहिस्सलाम की उम्मत ए दावत कह सकते हैं लेकिन इजाबत नहीं क्योंकि उम्मत की दो किस्में हैं
(१) > उम्मत ए इजाबत
(२) > उम्मत ए दावत

 (१)  जुमला मोमिनीन को उम्मत ए इजाबत कहते हैं
 (२)  काफिर व मुशरिक यहूद नसारा शिया वहाबी वगैरा फिर्क़ाहा ए बातिला को उम्मत ए दावत कहते हैं

 जैसा की सरकार ए आला हज़रत रज़ि अल्लाहू अन्हू तहरीर फरमाते हैं 

 खुबसा ए मुबतद ऐन मिस्ल वहाबीया व राफज़िया व गैर मुक़ल्लेदीन उम्मत ए इजाबत से नही काफिरों की तरह उम्मत ए दावत से हैं, (फतावा ए रिज़वीया जिल्द १४ सफा २८६दावते इस्लामी)

 नीज़ फरमाते हैं बिदअति अगर्चे अहले क़िबला से है लेकिन उम्मत ए इजाबत में नहीं बल्कि वह मिस्ल कुफ्फार उम्मत ए दावत में से है, (फतावा ए रिज़वीया जिल्द १४ सफा २८७दावते इस्लामी)

والله و رسولہ اعلم بالصواب


 अज़ क़लम
  फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी

 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)






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