क्या गोबर उठाने से गुस्ल फर्ज़ हो जाता है

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क्या गोबर उठाने से गुस्ल फर्ज़ हो जाता है 


 सवाल  : उलमा ए किराम की बारगाह में एक सवाल अर्ज़ है कि अगर कोई शख्स गाय भैंस का गोबर यानी पाखाना अपने हाथ से उठाता है तो क्या वह पाक रहेगा या नापाक हो जाएगा और उसके ऊपर पेशाब के छींटे भी पड़ जाते हैं और उलमा ए कराम रहनुमाई फरमाएं हवाले के साथ मेहरबानी होगी

 साईल :  अब्दुर्रहमान गोरखपुर (यूपी)

 जवाब  : पाक रहेगा क्योंकि गोबर नापाक है लेकिन वह मुवजब गुस्ल नहीं  पेशाब के छींटे अगर कपड़े पर पड़ गए एक दिरहम से ज़ाइद लगा है तो उसे पाक करना फर्ज़ है पहनकर नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ नहीं हुई

 एक दिरहम की मिक़दार लगा है तो पाक करना वाजिब है बे पाक किए नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ मकरूह ए तहरीमी वाजिबुल इयादा होगी (दोबारा पढ़नी होगी) एक दिरहम से कम लगा तो पाक करना सुन्नत है बे पाक किए नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ हो जाएगी मगर मकरुहे तन्ज़िही जिसको दोबारा पढ़ना मुस्तहब है दोनों सूरतों में शख्स मज़कूर पर गुस्ल फर्ज़ नहीं.


    والله اعلم بالصواب 

 अज़ क़लम  
मोहम्मद मासूम रज़ा नूरी


 हिंदी ट्रांसलेट 
 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)



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