हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम की जगह जो दुंबा ज़िबह हुआ उसके गोश्त कहां गए
सवाल : किया फरमाते हैं उलमा ए दीन मसला ज़ेल में हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम की फिदीया में जो दुंबा जन्नत से आया था उसके गोश्त का क्या हुआ मअ हवाला इरशाद फरमाएं
साईल : मोहम्मद सादिक़ रज़ा अयूबी
जवाब : सुरते मज़कूरा में उस दुंबा का गोश्त कहां गया या कैसे तक़्सीम हुआ तो इस हवाला से अल्लामा सावी मालकी और सैयद सुलेमान की राय यह है कि वह दुंबा क्योंकि जन्नत से उतारा गया था और जन्नत की आशिया (चीज़) पर आग असर नहीं करती इसलिए उसका गोश्त पकाया नहीं गया ना ही उसे तक़्सीम किया गया बल्कि उसके अजज़ा को परिंदो और दरिंदों ने खा लिया
अल्लामा सावी अलैहिर्रहमां लिखते हैं उस दुंबा के बचे हुए अजज़ा को दरिंदों और परिंदों ने खा लिया क्योंकि जन्नत की अशिया पर आग असर नहीं करती और अल्लामा सैयद सुलेमान अलैहिर्रहमां फरमाते हैं
यह बात साबित है कि जन्नत की किसी भी आशिया पर आग असर नहीं करती इसलिए उस दुंबा का गोश्त पकाया नहीं गया बल्कि दरिंदों और परिंदों ने खा लिया
(حاشیة الجمل علی الجلالین جلد ۳ ص ۵۴۹)
(بحوالہ؛انوار الفتاویٰ جلد اول ص ۲۸۸)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ कलम
मोहम्मद आमिल रज़ा खान अल मारूफ ज़िया अंजुम कादरी रिज़वी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)