गुस्ल करने का तरीक़ा

0

     गुस्ल करने का तरीक़ा


 सवाल  उलमा ए किराम की बारगाह में अर्ज़ है कि गुस्ल करने का आसान तरीक़ा तहरीर फरमां दें 

 साईलराज मोहम्मद क़ादरी वाहिदी गाएेडिया

 जवाब  गुस्ल करने का तरीक़ा यह है कि पहले गुस्ल की नियत करे फिर दोनों हाथ गट्टों तक तीन मर्तबा धोएं फिर इस्तिंजा की जगह ख्वाह निजासत लगी हो या ना लगी हो फिर बदन पर जहां कहीं ले निजासत लगी हो उसको धोए फिर नमाज़ की तरह वज़ू करे,
 अलबत्ता पैर ना धोए हां ऊंची जगह तख्त वगैरा पर नहाता हो तो पैर भी धो ले फिर बदन पर तेल की तरह पानी चपड़ेफिर तीन मर्तबा दाहिने मोंढ़े पर और तीन मर्तबा बाए मोंढ़े पर फिर तीन मर्तबा सर पर और तमाम बदन पर पानी बहाएइस तरह की पूरा जिस्म भीग जाए फिर पैर ना धोया हो तो अलग हटकर पैर धो ले,
 ध्यान रहे कि गुस्ल में तीन चीजें फर्ज़ है 
(१) >> कुल्ली करना
(२) >> नाक में पानी डालना
(३) >> पूरे बदन पर पानी बहाना
(१)  कुल्ली इस तरह करे कि मुंह के हर पुर्जे़ हर गोशे होंट से हालक़ के जड़ तक हर जगह पानी बह जाएअगर दांत में कोई चीज़ अटकी हुई हो जैसे गोश्त का रेशा पान की पत्ती वगैरा तो उसको छुड़ाना ज़रूरी है कि बे छुड़ाए गुस्ल ना होगा और ना नमाज़ होगी,
(२)  नाक में पानी इस तरह चढ़ाए की हथेली पर रखकर नाक के क़रीब ले जाए और सुन्घ कर ऊपर चढ़ाए की बाल के बराबर भी जगह धुलने से ना रह जाए वरना गुस्ल ना होगाऔरतें नाक कान में किल वगैरा पहनती हैं इसका भी खास ख्याल रखें और सुराख में भी पानी पहुंचाएंअगर नाक में बाल हो तो उसका धोना फर्ज़ हैऔर अगर रींठ सुखी हो तो उसे भी छुड़ाएं कि उसका छुड़ाना फर्ज़ हैबगैर छुड़ाए गुस्ल ना होगा,
(३)  पूरे बदन पर पानी बहाना इस तरह की सर से लेकर पांव के तलवे तक हर रोंगटे हर पुर्ज़े पर पानी बहे अगर एक बाल की नोक भी धुलने से रह गया तो गुस्ल ना होगा,

इंतिबाह: बहुत लोग नापाक कपड़े को पहनकर गुस्ल करते हैं मसलन एहतिलाम हुआ और उसी कपड़े में गुस्ल करते हैं और यह ख्याल करते हैं कि नहाने में सब पाक हो जाएगा हालांकि ऐसा नहीं है बल्कि पानी डालकर तहबंद और बदन पर हाथ फेरने से निजासत फैलती है और सारे बदन और नहाने के बर्तन तक को नजिस कर देती हैइसलिए हमेशा नहाने में बहुत ख्याल से नहाना चाहिए पहले बदन और से और उस कपड़े से जिसको पहनकर नहाना है निजासत दूर कर ले तब गुस्ल करे वरना गुस्ल तो किया होगा बल्कि उस तर हाथ से जिन चीजों को छूएंगे सब नजिस हो जाएंगी,
 बाज़ लोग नहाते वक़्त गुफ्तगू करते रहते हैं यह भी मना है यहां तक कि नहाते वक़्त कलमा दरूद शरीफ वगैरा भी ना पढ़ें बल्कि खामोश होकर नहाएं,
 बाज़ लोग रान खोलकर नहाते हैं इस तरह नहाना हराम है बल्कि मर्द को घुटने से नाफ तक छुपाना फर्ज़ है और औरत को पूरा जिस्म छिपाना फर्ज़ हैहां गुस्ल खाना में नहाता हो तो कोई हर्ज नहीं बल्कि गुस्ल खाना में नंगा भी नहा सकता है लेकिन एहतियात करनी चाहिए,
(४)  बाज़ औरतें सर से दुपट्टे को हटाकर मर्दो के सामने नहाती हैं इस तरह नहाना हराम है,
(५)  गुस्ल करते वक़्त खामोश रहे कोई दुआ वगैरा ना पढ़े (माखूज़ अज़  बहारे शरीअत हिस्सा २)

والله و رسولہ اعلم بالصواب


 अज़ क़लम

  फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी

हिंदी ट्रांसलेट

मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)
AD Banner
AD Banner AD Banner
To Top