देवबंदी के यहां नौकरी करना कैसा है

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  देवबंदी के यहां नौकरी करना कैसा है


 सवाल  क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला में कि किसी देवबंदी के यहां काम करना कैसा है ? नीज़ यह भी बताएं कि जो शख्स सऊदी पहुंच गए हों और उन्हें किसी देवबंदी के घर काम करना पड़े तो वह क्या करे ? जवाब किसी मोतबर किताब से इनायत फरमाएं तो बहुत मेहरबानी होगी

 साईलमोहम्मद क़ासिम खान जिला बहराइच शरीफ (यूपी)

 जवाब  अगर देवबंदी वहाबी के यहां नौकरी करने पर इस बात का अंदेशा हो कि हमें उनके अकीदे के मुवाफिक़ रहना पड़ेगा या उनके साथ खाना पीना पड़ेगा या उनके जनाज़े में शिरकत करना पड़ेगा या उनके साथ नमाज़ पढ़नी पड़ेगी या उनके दबाव में आकर शरीयत के खिलाफ बोलना पड़ेगा तो उनके यहां नौकरी ही जायज़ नहीं

 क्योंकि हदीस शरीफ में है 
 قَا لَ رَسُولُ اللّٰہِ  ﷺ اِیَّا کُمْ وَ اِیَّا ھُمْ لَا یُضِلُّو نَکُمْ وَلَا یُفْتِنُو نَکُمْ اِنْ مَرِ ضُوْ فَلَا تَعُوْ دُوْھُمْ وَاِنْ مَا تُوا فَلَا تَشْھَدُوْ ھُمْ وَاِنْ لَقِیْتُمُو ھُمْ فَلَا تُسَلِّمُوْا عَلَیْھِمْ وَلَا تُجَا لِسُو ھُمْ وَلَا تُشَا رِبُوا ھُمْ وَلَا تَوَا کِلُوا ھُمْ وَلَا تُنَا کِحُو ھُمْ وَلَا تُصَلُّوا عَلَیْھِمْ وَلَا تُصَلُّو مَعَھُمْ
 नबी करीम ﷺ ने फरमाया की अगर वह बीमार पड़ जाएं तो उनकी इयादत ना करोअगर मर जाएं तो उनके जनाज़ा में शरीक ना होउनसे मुलाक़ात हो तो उन्हें सलाम ना करोउनके पास ना बैठोना उनके साथ पानी पियोना उनके साथ खाना खाओना उनके साथ शादी बियाह करोना उनके जनाज़े की नमाज़ पढ़ोना उनके साथ नमाज़ पढ़ो
 यह हदीस मुस्लिमअबू दाऊदइब्ने माजाअक़ीली और इब्ने हब्बान की रवायत का मजमुआ है, (बहवाला  अनवारूल हदीस)

 हां अगर इस बात पर यक़ीन हो कि मज़कूरा बाला बातें ना पाई जाएंगी सिर्फ काम से मतलब रहेगा तो नौकरी कर सकते हैं जायज़ है जैसा कि फतावा ए रज़वीया शरीफ में है  सरकार ए आला हज़रत रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू से सवाल किया गया कि रंडीयों और डोमनियों के यहां मजदूरी करके कमाना जायज़ है या नहीं ? अगर नहीं जायज़ तो नेसारा की नौकरी क्यों जायज़ है ?
 तो आपने जवाब में इरशाद फरमाया अस्ल मजदूरी अगर किसी फेल नाजायज़ पर हो सब के यहां नाजायज़ और जायज पर हो तो सबके यहां जायज़ (फतावा रज़विया जिल्द २३ सफा ५०८दावते इस्लामी)

 हासिल ए कलाम यह है कि हिंदुस्तान हो या सऊदी अरब अगर जानता है कि नजायज़ व हराम या शरीयत के खिलाफ काम करनी पड़ेगी तो नौकरी जायज़ नहीं वरना जायज़ है,

والله و رسولہ اعلم بالصواب

  अज़ क़लम

  फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी

हिंदी ट्रांसलेट

मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)

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