बुरे नाम को तब्दील करना कैसा
सवाल:क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला के बारे में कि मुसलमानों को अपने बच्चों का नाम सूरज संदीप रमेश पप्पू रखना कैसा है
साईल:मोहम्मद तनवीर अहमद (मुंबई)
जवाब: कुतुब ए अहादीस में अच्छे नाम रखने की ताकीद आई है क्योंकि अच्छे नाम का असर भी अच्छा हुआ करता है अगर ला इल्मी व जहालत की बुनियाद पर बे माना नाम या बुरे नाम रख दिया हो तो उसे बदल देने का भी हुकुम है जैसा कि हुजूरी अक़द्दस सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने बुरे नाम को बदल दिया करते थे एक शख्स का नाम असरम (اصرم) था उसको बदलकर ज़रआ (زرعہ) रखा और आसिया (عاصیہ) नाम को बदलकर जमीला (جمیلہ) रखा
इसी तरह जिस नाम के माना अच्छे नहीं होते उस नाम को भी रखने से मना फ़रमाया सही मुस्लिम की रिवायत है की, हज़रत जोवीरिया (جویریہ) रज़ि अल्लाहू तआला अन्हा का नाम बर्रा (برہ) था हुजूर ने यह नाम बदल कर जोवीरिया (جویریہ) रखा और यह बात हुजूर को नापसंद थी कि यूं कहा जाए की बर्रा (برہ) के पास से चले गए(बहवाला, बहार ए शरीयत जिल्द ३ हिस्सा शंज़दहुम सफा ८/२११)
इसीलिए मुसलमानों को अपने बच्चों का नाम सूरज, संदीप, रमेश, पप्पू ,वगैरा रखना निहायत ही गलत है और बुरा भी कि उमूमन ऐसे नाम हिंदुस्तान में काफिरों के होते हैं इसलिए ऐसा नाम रखना मना है, सहाबा ए किराम या किसी बुजुर्गाने दिन के नाम पर अपने बच्चों का नाम रखें
والله اعلم بالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद रज़ा अमजदी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)