(वज़ू के मुस्तहबात)
वुज़ू का पानी पाक जगह गिराना मुस्तहब है।
जिस्म के आज़ा (पार्ट्स) पर पानी बहाते वक़्त हाथ फेरना खास कर जाड़े के मौसम में।
पहले तेल की तरह पानी मल लेना, खुसूसन जाड़े में।
वुज़ू का पानी अपने हाथ से भरना।
दूसरे वक़्त के लिये पानी भर कर छोड़ना।
वुज़ू करने में बगैर ज़रूरत दूसरे से मदद ना लेना।
अँगूठी को हरकत देना अगर ढीली हो और उस के नीचे पानी बह जाना मालूम हो और अगर तंग (Tight) हो कि पानी नहीं जाता तो फर्ज़ होगा।
अगर उज़्र ना हो तो वक़्त से पहले वुज़ू कर लेना।
वुज़ू इत्मिनान से करना चाहिये, जल्दी करना सहीह नहीं है।
टपकने वाले क़तरों से कपड़े को बचाना।
तालिबे दुआ
मुहम्मद अनस रज़ा रज़वी
बड़ा रहुवा बायसी पूर्णिया (बिहार)