जबान की हिफाजत

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 जबान की हिफाजत 

बातचीत में हमेशा उसका ध्यान रखो कि तुम्हारी जबान से कोई गुनाह की बात ना निकल जाए हदीस शरीफ में है कि बहुत से लोगों को उनकी जबानों से निकली हुई बातें जहन्नम में ले जाएगी इसीलिए खासतौर पर बातचीत करने में इन बातों का ख्याल रखो ।

बगैर सोचे समझे हरगिस कोई बात मत कहो जब सोच कर तुम्हें यकीन हो जाए कि यह बात किसी तरह बुरी नहीं है तब बोलो वरना बोलने से चुप रहना बेहतर है।

अगर तुमको किसी ने दुख देने वाली बात कह दी तो तुम सब्र करो और माफ कर दो तुम्हें बहुत बड़ा सवाब मिलेगा और अगर तुम उसका जवाब देना चाहो तो बस इतना ही कह सकते हो जितना उसने तुमको कहा है अगर उससे ज्यादा कहोगे तो गुनाहगार हो जाओगे ।

ना किसी की चुगली करो ना किसी की चुगली सुनो यह सबसे बड़ी फसाद की जड़ और गुनाह ए कबीरा है।

झूठ हरगिज़ ना बोलो यह बहुत सख्त गुनाह कबीरा हे ।

तभी हरगिस किसी से झूठा वादा ना करो।

महज अपनी बात को ऊंचा रखने के लिए किसी से बहस ना करो ।

कभी ऐसी हंसी मत करो जिससे दूसरा जलील हो जाए ।

सुनी सुनाई बातों को बिला तहकीक  किए हुए मत कहा करो क्योंकि अक्सर ऐसी बातें झूठी होती है ।

किसी की बुरी सूरत या बुरी बात की नकल मत करो ।

हमेशा अच्छी बातें लोगों को बताते रहो और बुरी बातों से लोगों को मना करते रहो ।




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