वालेदैन ( मां बाप ),के 14, हुक़ूक़ हैं
7, उनकी ज़िंदगी मे और
7, उनकी वफ़ात के बाद
उनकी ज़िंदगी के 7, हुक़ूक़ येह हैं
1,अज़मत, याने उनकी इज़्ज़त करना,उनका एहतेराम करना
2, मोहब्बत, याने उनसे मोहब्बत और लगाओ रखना
3,इताअत, याने उनकी बात मानना,ना फ़रमानी न करना
4,ख़िदमत,याने उनके काम करना, उनके काम आना
5, फ़िक्र ए राहत, उनके आराम का ख़्याल रखना,उनको आराम पहुंचाना
6,रफ़ ए हाजत, याने उनकी तमाम ज़रूरतें पूरी करना
7, मोहब्बत के साथ उनकी ज़िया रत और मुलाक़ात करना
वालेदैन की वफ़ात के बाद के 7, हुक़ूक़ येह हैं
1, दुआ ए मग़फ़िरत, याने उनके लिए अल्लाह से बख़्शिश की दुआएं करते रेहना
2,ईसाले सवाब, याने कोई भी नेक काम करके उसका सवाब उनको पहुंचाते रेहना
3, इकराम ए अइज़ज़ा व अहबाब, याने उनके रिश्तेदार और उनके दोस्त अहबाब की इज़्ज़त व इकराम करना
4,ऐआनत ए अइज़ज़ा व अहबाब याने उनके रिश्तेदार और दोस्त अहबाब की मदद करना
5,अदा ए दैन ओ अमानत याने उनकी अमानत और उनका क़र्ज़ अदा करना
6,तनफ़ीज़ ए वसियत, याने उनकी जाइज़ वसियतों को पूरा करना,
7,कभी कभी उनकी क़बरों की ज़ियारत करना
" मजलिस दावतुल हक़ "
हाफिज मोहम्मद असलम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)