क्या यह दुरुस्त है कि खुत्बा ए जुम्मा ना सुनने से जुम्मा की नमाज़ नहीं होती है?

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 क्या यह दुरुस्त है कि खुत्बा ए जुम्मा ना सुनने से जुम्मा की नमाज़ नहीं होती है?


 सवाल: अगर जुम्मा का खुत्बा छूट जाए तो नमाज़ ए जुम्मा दुरुस्त होगी या नहीं ? हवाले की सख्त जरूरत है मेहरबानी कर के हावाले के साथ जवाब इनायत फरमाएं?

 साईल अंज़र रज़ा बुद्धल

 जवाब  खुत्बा, जुम्मा की शराईत में से है ना की किसी फर्द वाहिद की नमाज़ की!

 ومن شرائطھا الوقت فتصح فی وقت الظہر ولاتصح بعدہ ومنھا الخطبه'

 (ھدایه جلد اول باب صلوٰۃ الجمعۃ صفحه 168")

 तशहुद खत्म होने से पहले जब भी शामिल होगा नमाज़ हो जाएगी, हिदाया जिल्द औवल बाब सलातूल जुम्मा सफा १७० में है कि

 "ومن ادرک الأمام یوم الجمعۃ صلی معه مع ادرکه وبنی علیه الجمعۃ لقوله علیه السلام ما ادرکتم فصلوا وما فاتکم فاقضوا وان کان ادرکه فی التشھد او فی سجود السھو بنی علیھا الجمعۃ، الخ-"

 (फतावा  अकरमी सफा १८९)

والله و رسولہ اعلم بالصواب

 अज़ क़लम 

 मोहम्मद इमरान रज़ा सागर 


 हिंदी ट्रांसलेट

 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)




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