(हदीसे रसूल ﷺ)

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 (हदीसे रसूल ﷺ)


1)हुजूर जाने रहमत ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं रात में एक ऐसी साअ़्त (छोटा सा वक्त)है कि मर्द मुसलमान उस साअ़्त में अल्लाह तआला से दुनिया व आख़िरत की जो भलाई माँगेगा वह उसे देगा और यह हर रात में है।

2)क़ियामुल लैल (रात की इबादत)को अपने ऊपर लाज़िम कर लो कि यह अगले नेक लोगों का तरीक़ा है और तुम्हारे रब की तरफ कुर्बत (नज़्दीकी) का ज़रिया, सय्येआत (गुनाह) मिटाने वाला और गुनाह से रोकने वाला और सलमान फारसी की रिवायत में यह भी है कि बदन से बीमारी दफ़ा करने वाला है।

 3)हुज़ूर ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं जो रात मे उठे और यह दुआ पढ़े 

لَا اِلٰہَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَہٗ لَا شَرِیْکَ لَـہٗ لَـہُ الْمُلْکُ وَلَہُ الْحَمْدُ وَھُوَ عَلٰی کُلِّ شَیْیٍٔ قَدِیْرٌ وَ سُبْحٰنَ اللّٰهِ وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ وَلَا اِلٰـہَ اِلَّا اللّٰهُ وَاللّٰهُ اَکْبَرْ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّۃَ اِلَّا بِاللّٰهِ رَبِّ اغْفِرْلِیْ

फिर जो दुआ करे मकबूल होगी और अगर वुजू करके नमाज़ पढ़े तो उसकी नमाज़ मकबूल होगी।(बहारे शरिअत हिस्सा 4, सफा 23)



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