(दुरूदे पाक की फजीलत)
सरकारे अबद करार, हम बेकसों के मददगार ﷺ का फ़रमाने अज़मत निशान है : जिब्रईल عَلَيْهِمُ السَّلاَم ने मुझ से अर्ज की, कि रब्बे करीम फ़रमाता है : ऐ तारीफ किए हुए यानी मुहम्मद ﷺ क्या तुम इस बात पर राज़ी नहीं कि तुम्हारा उम्मती तुम पर एक बार दुरूद भेजे, मैं उस पर दस रहमतें नाज़िल करूं और आप की उम्मत में से जो कोई एक सलाम भेजे, मैं उस पर दस सलाम भेजूं।
हकीमुल उम्मत, हज़रते मुफ्ती अहमद यार खान रहमतुल्लाह तआला अलैह फ़रमाते हैं : रब्बे ( करीम ) के सलाम भेजने से मुराद या तो ब ज़रीअए मलाइका ( फ़िरिश्तों के जरीए ) उसे सलाम केहलवाना है या आफ़तों और मुसीबतों से सलामत रखना मुराद है (इस्लामी बयानात जिल्द अव्वल सफ़ह- 256)
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