हाइज़ा औरत के हाथ का पका हुआ खाना
हैज़ वाली औरत के हाथ का पका हुआ खाना भी जाइज़ और उसे अपने साथ खिलाना भी जाइज़ है इसके खाने से एहतराज़ यहूद व मजूस का मसला है।
हदीस में है रसूलुल्लाह ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अपने सर मुबारक को धोने के लिए हज़रत आएशा सिद्दीका के करीब कर देते जबकि हुजूर ﷺ मस्जिद में ऐतकाफ से होते और हज़रत आइशा घर में होती, आइशा अर्ज करतीं कि मैं तो हाइजा हूँ, उस पर हुजूर ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम फरमाते कि तुम्हारा हैज़ तुम्हारे हाथ में नहीं है।
! यानी औरत हालत ए हैज़ से हो यानी (period) से तो उसके हाथ का पका हुआ खाना जाइज़ है! और उस पर फ़ातिहा पढ़ना भी जाइज़ है' क्योंकि फ़ातिहा उन्ही सब चीज़ों पर होती है जो खाना जाइज़ होती हैं तो जो चीज़ खाना जाइज़ है इस पर फ़ातिहा भी जाइज है ! वल्लाहु तआला आलम ! • फतावा रज़ाविय्या, जिल्द दोम, सफ़ह,36)
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