(जुमुआ का दिन और नमाज़ी)
तमाम दिनों में जुमा के दिन को फ़ज़ीलत हासिल है उसको तमाम दिनों का सरदार कहा गया है और जो लोग नमाज़े जुमुआ के पाबन्द हैं उन पर भी रब तआला की खुसूसी रहमत व इनायत होती है!
हदीस में है रसूलुल्लाह ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं! बेशक अल्लाह कयामत के दिन सब दिनों को उनकी शक्ल पर उठाएगा और जुमुआ को चमकता रोशनी देता , जुमुआ पढ़ने वाले , उसके गिर्द झुर्मट किए हुए जैसे नई दुल्हन को उसके गिरामी शौहर के यहाँ रुख़सत करके ले जाते हैं(फतावा रज्वीया , ज़िल्द 6 सफ़ह 201)
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