क्या नसबंदी कराने वाले की इमामत दुरुस्त है?
सवाल: क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की अगर इमाम अपनी मनकूहा की इजाज़त लेकर नसबंदी कर वाले तो क्या उसकी इमामत दुरुस्त होगी?
साईल: अब्दुल्लाह बेलग्रामी
जवाब: नसबंदी कराना नाजायज़ व हराम व गुनाहे कबीरा है, मज़ीद मालूमात के लिए देखें फतावा मुस्तफाविया सफा ५३०
और ऐसे शख्स की इमामत मकरूहे तहरीमी है अगर्चे बीवी ने इजाज़त दी हो, हां अगर सिद्क़ दिल से तौबा कर ले तो बाद तौबा उसकी इमामत में कोई क़बाहत नहीं की अल्लाह तआला तौबा कुबूल करने वाला है, जैसा कि इरशाद ए रब्बानी है ( اِلَّا الَّذِیْنَ تَابُوْا وَ اَصْلَحُوْا وَ بَیَّنُوْا فَاُولٰٓئِکَ اَتُوْبُ عَلَیْہِمْ وَ اَنَا التَّوَّابُ الرَّحِیْمُ) मगर वह जो तौबा करें और संवारें और ज़ाहिर करें तो मैं उनकी तौबा कुबूल फरमाउंगा और मैं ही हूं बड़ा तौबा कुबूल फरमाने वाला मेहरबान, (सुरह बक़रा १६०)
और सूरह आले इमरान में है (اِلَّا الَّذِیْنَ تَابُوْا مِنْ بَعْدِ ذٰلِکَ وَ اَصْلَحُوْا فَاِنَّ اللّٰہَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ)मगर जिन्होंने उसके बाद तोबा की और आपा संभाला तो ज़रूर अल्लाह बख्शने वाला मेहरबान है (सुरह आले इमरान आयत नंबर ८९)
والله تعالی اعلم بالصواب
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)