सवाल: इमाम ने अस्साहु अकबर कहा और मुक़तदी ने इमाम के अकबर से पहले नियत करके शरीक हुवा तो उस मुक़तदी की नमाज़ हुई या नही?
जवाब: उस मुक़तदी की नमाज़ ना हुई क्योंकि मुक़तदी को हर फेल में इमाम के बाद करने का हुकुम है इसी लिए तो नियत में पीछे इस इमाम के कहा जाता है इसका मतलब यह नहीं कि जिस्म पीछे हो बल्कि हर फेल में इमाम के पीछे हो तो अगर किसी ने पहले कर लिया ख्वाह नियत हो या रुकू से पहले सर उठा लिया या सजदा से पहले सर उठा लिया तो नमाज ना हुई जैसा कि अल्लामा सदरुश्शरिया रहमतुल्लाह आलैह बहारे शरीयत भाग 3 में तहरीर फरमाते हैं कि मुक़तदी ने लफ़ज़े अल्लाह इमाम के साथ कहा मगर अकबर को इमाम से पहले खत्म कर चुका नमाज़ ना हुई.
واللہ اعلم بالصواب
अज कलम
फ़क़ीर ताज मोहम्मद क़ादरी वाह़िदी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)