कई हिस्सेदार हो तो गोश्त कैसे तक़्सीम की जाए?
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की बड़े के जानवर में सात लोग हिस्सादार होते हैं तो गोश्त को कैसे तक़्सीम की जाए अक्सर यही देखा गया है कि लोग अंदाज़ा से ले लेते हैं क्या यह दुरुस्त है ? अगर नहीं तो फिर क्या किया जाए कोई आसान तरीक़ा तहरीर फरमा दें ? नीज़ यह भी बता दें कि गोश्त को तक़्सीम किया जाएगा या सर पैर कलेजी दिल वगैरा सब में भी सात हिस्सा करना होग?
साईल जान मोहम्मद तुलसीपुर
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जवाब अंदाज़े से तक़्सीम नहीं करना चाहिए बल्कि तौल कर तक़्सीम की जाए जैसा कि अल्लामा सदरूश्शरिआ अलैहिर्रहमा तहरीर फरमाते हैं की
शिरकत में गाय की क़ुर्बानी हुई तो ज़रूरी है कि गोश्त वज़न कर के तक़्सीम किया जाए अंदाज़ा से तक़्सीम ना हो क्योंकि हो सकता है कि किसी को ज़ाएद या कम मिले और यह नाजायज़ है यहां यह खयाल ना किया जाए कि कम व बेश होगा तो हर एक उस को दूसरे के लिए जायज़ कर देगा कह देगा कि अगर किसी को ज़ाएद पहुंच गया है तो माफ किया कि यहां अदम जवाज़ हक़ शरअ है और उन को उस के माफ करने का हक़ नहीं। (बहारे शरीअत हिस्सा 15)
जिस तरह गोश्त को सात हिस्सा करना ज़रूरी है यूं हीं दिल, कलेजी, सर, पैर को भी सात हिस्सा क्या जाएगा, चूंकि हर आज़ा को सात हिस्सा करना फिर तौल कर लेना दौरे हाज़िर में दुशवार है अक्सर क़स्साब यूंहीं अंदाज़े से दे देते हैं इस लिए बेहतर यह है कि 7 लोगों में किसी एक को मालिक बना कर हर कोई अपना अपना हिस्सा हिबा कर दे यानी दे दें फिर वह अपनी तरफ से अंदाज़े कर के सात हिस्सा बना लें और हिस्सेदार को बतौर तोहफा दे दे इस तरह गोश्त को तौलने वाला मामला भी खत्म हो जाएगा दोनों फरीक़ैन एक दूसरे को हिबा करने के सबब सवाब के मुस्तहिक़ भी होंगे।
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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