मसबूक़ अगर एक रकात पाए तो क्या करे ?
सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम मसअला ज़ेल के बारे में की मगरिब की दो रकात छूट गई तीसरी रकात में शामिल हुआ तो अब वह पहली रकात में तशौहुद पढ़ेगा या दूसरी रकात में हवाला के साथ जवाब इनायत फरमाएं ?
साईल : अब्दुल हफीज़ रज़वी जामा मस्जिद उतरौला
जवाब : मुक़्तदी इमाम के सलाम फेरने के बाद खड़ा हो जाए और अगर पहले सना ना पढ़ा हो तो सना सूरह फातिहा सूरत के साथ पढ़े फिर रुकु सुजूद करे बाद रुकु सुजूद के क़अदा करे की यह उसके हक़ में दूसरी रकात है फिर तशौहुद से फारिग होकर सूरह फातिहा सुरत के साथ पढ़े और रुकु सुजूद के बाद फिर क़अदा करे की यह क़अद ए अखीरा है बाद तशौहुद दुरूद शरीफ के सलाम फेर दे जैसा कि अल्लामा सदरुश्शरिया अलैहिर्रहमा फरमाते हैं कि मसबूक़ ने जब इमाम के फारिग होने के बाद अपनी शुरू की तो हक़ क़िरात में यह रकात औवल क़रार दी जाएगी और हक़ तशौहुद में पहली नहीं बल्कि दूसरी तीसरी चौथी जो शुमार में आए मसलन तीन या चार रकात वाली नमाज़ में एक उसे मिली तो हक़ तशौहुद में यह जो अब पढ़ता है, दूसरी है, लिहाज़ा एक रकात फातिहा व सूरत के साथ पढ़ कर क़अदा करे,(बहारे शरीअत हिस्सा ३ जमाअत का बयान)
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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