क्या औरत चोटी बांध कर नमाज़ पढ़ सकती है

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 क्या औरत चोटी बांध कर नमाज़ पढ़ सकती है


 सवाल   औरत बालों को बांध कर यानी चुटी या जूड़ा बना कर तालाब में गुस्ल करे तो क्या हुकुम है

 जवाब   औरत चोटी बांध कर गुस्ल कर सकती है जैसा कि बहारे शरीयत में है की  औरत पर सिर्फ जड़ तर कर लेना ज़रूरी है चोटी खोलना ज़रूरी नहीं है हां अगर चोटी इतनी सख्त गुंदी हो कि बे खोले जड़ें तर ना होंगी तो खोलना ज़रूरी है, (बहवाला : बहारे शरीअत हिस्सा दोम / बाबुल गुस्ल / सफा ३७१)

 मालूम हुआ कि अगर जुंबी औरत गुस्ल के वक़्त जूड़ा चोटी बांधे हुए है तो उस का खोलना ज़रूरी नहीं है, बल्कि बालों की जड़ों को तर करना ज़रूरी है, बा दहू पूरे बदन पर पानी बहा ले तो पाक हो जाएगी मगर बेहतर यही है कि औरतें चोटी खोल कर बा पर्दा नहाएं ताकि बालों की जड़े मुकम्मल भीग जाएं

         والله تعالی اعلم بالصواب

 मिन जानिब  ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप


हिंदी ट्रांसलेट

मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)


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