तलाक़ काबयान
बीवी को कहा कल नमाज़ ना पढ़ी तो तलाक फिर महीनाआ गया तो किया हुक्म है
मुगल्लज़ा के बाद ज़ौजैन मुर्तद हो गए फिर इस्लाम क़ुबूल किए तो हलाला करना होगा या नहीं
ख्वाब में तलाक़ दिया तो क्या हुक्म है?
हिन्दी ट्रान्सलेट
मौलाना रिजवानुल क़ादरी सेम्बरी