कपड़े में अगर मज़ी लग जाए तो क्या हुक्म है?
सवाल मेरा सवाल यह है कि मज़ी या वदी कपड़ों मैं लग जाए तो पाकी का क्या हुक्म है? और इस सूरत में गुस्ल का क्या हुक्म है?
साईल : मोहम्मद रमज़ान चिश्ती
जवाब: इंसान के बदन से ऐसी चीज़ निकले कि उससे वजू या गुस्ल वाजिब हो निजासते गलीज़ा है, जैसे पाखाना, पेशाब, बहता खून, पीप, भर मुंह क़ै, हैज़ व निफास व इस्तिहाज़ा का खुन, मनी, मज़ी, वदी
इससे पता चला की मज़ी और वदी यह निजासते गलीज़ा है और निजासते गलीज़ा का हुक्म यह है कि अगर कपड़े या बदन में एक दिरहम से ज़्यादा लग जाए तो उसका पाक करना फर्ज़ है, बे पाक किए नमाज़ पढ़ ली तो होगी ही नहीं और क़स्दन पढ़ी तो गुनाह भी हुआ और अगर बनियत इस्तिखफाफ है तो कुफ्र हुआ और अगर दिरहम के बराबर है तो पाक करना वाजिब है की बे पाक किए नमाज़ पढ़ी तो मकरूहे तहरीमी हुई यानी ऐसी नमाज़ का इआदा वाजिब है और क़स्दन पढ़ी तो गुनहगार भी हुआ और अगर दिरहम से कम है तो पाक करना सुन्नत है की बे पाक किए नमाज़ होगई मगर खिलाफे सुन्नत हुई और इसका इआदा बेहतर है
(बहारे शरीअत निजासतों का बयान)
अज़ क़लम
मोहम्मद सज्जाद हैदर