हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़
*رضی اللہ تعالی عنہ*
*(आप के करामात)*
*पोस्ट नंबर 58*
*जन्नत में जाने वाला पहला मालदार*
हुज़ूरे अकरम ने फरमाया
أَوَّلُ مَنْ يَدْخُلُ الْجَنَّةَ مِنْ أَغْنِيَاءِ أُمَّتِي عَبْدُ الرَّحْمَنِ بْنِ عَوْفٍ)
याअनी मेरी उम्मत के मालदारों में सब से पहले अब्दुर्रहमान बिन औफ़ जन्नत में दाख़िल होंगे। (कन्ज़ुल अमाल जिल्द 12, सफा 293)
*माँ के पेट ही से नेक*
हज़रत इब्राहीम बिन अब्दुर्रहमान का बयान है कि हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ एक मर्तबा बेहोश होगए और कुछ देर बाद जब वह होश में आए तो फ़रमाया कि अभी अभी मेरे पास दो बहुत ही ख़ौफफ़नाक फ़रिश्ते आए और मुझ से कहा कि उस ख़ुदा के दरबार में चलो जो प्यारा व अमीन है। इतने में एक दूसरा फ़रिश्ता आगया और उस ने कहा कि उन को छोड़ दो। यह तो जब अपनी माँ के पेट में थे उसी वक़्त से नेक बख़्ती आगे बढ़ कर उन से मिल चुकी है। (कन्ज़ुल अमाल जि 15, स 203, मतबूआ हैदराबाद)
*जारी रहेगा।*
*ان شاءاللہ*
*(करामाते सहाबा हिंदी पेज 89)*
*पेश करदा*
*मोहम्मद सदरे आलम निज़ामी मिस्बाही*
*ख़तीब व इमाम गुर्जी अली बेग मस्जिद*
*नया पुरवा फैज़ाबाद अयोध्या*