बीवी को कहा कल नमाज़ ना पढ़ी तो तलाक फिर महीनाआ गया तो किया हुक्म है

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बीवी को कहा कल नमाज़ ना पढ़ी तो तलाक फिर महीनाआ गया तो  किया हुक्म है

मसअला:जैद ने अपनी पत्नी हिंदा से कहा कल नमाज़ नहीं पढ़ी तो तुम को तलाक है और सुबह माहवारी हैज़ अगया तो क्या हुक्म  है?  

जवाब:  सूरते मसऊला में तलाक ना हुई हज़रत अल्लामा अलाउद्दीन हस्कफ़ी (अलैहिरर्हमह) फरमाते हैं:

’’ان لم تصلی الصبح غدا فانت کذا لایحنث بحیضھا بکرۃ فی الاصح ومنھا لم تردی الدینار الذی اخذ تیۃ من کیسی فانت طالق فاذا الدینار فی کیسہ لم تطلق لعدم تصور البر ‘‘اھ
 (दुर्रेमुख्तार पृष्ठ २ किताबुल -इमान दारुल कुतुब अलीमिया बेरूत)

       अल्लामा सदरुश्शरिआ अलैहिर्रहमह तहरीर फरमाते हैं औरत से कहा यदि तुमने कल नमाज़ नहीं पढ़ी तो तुम तलाकशुदा हो। सुबह होते ही औरत को हैज़ आ गया तो तलाक नहीं हुई। (बहार शरीअत भाग९ खाने-पीने की कसम का ब्यान मसअला न.४३)

واللہ تعا لیٰ اعلم بالصواب
मिन जानिब 
 ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप

हिन्दी ट्रानलेट 
मौलाना रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी  



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