मरवा से सई कि तो किया हुक्म है ?

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मरवा से सई कि तो किया हुक्म है 


 सवाल :खालिद ने सई मरवह से सई शुरू की और फिर सफा चला गया, फिर मरवह आया और फिर सफा चला 
गया, तो कितनी बार सई की गिनती मानी जाएगी

जवाब: दो बार गिना जाएगा क्योंकि मरवह से सई शुरू की तो मरवह से सफा की पहली गिनती नहीं की जाएगी: फतवा हिंदिया में है

والسعی الی الصفا والمروۃ شوط ومن المروۃ الی الصفاشوط وھو المختار کذا فی السراجیۃ، وھو الصحیح ھکذا فی شرح طحطاوی  اذا
سعی معکوسا بان بد المروۃ فمن اصحابنا قال: یعتدہ ولکن یکرہ وھو الصحیح انہ  لا یعتدہ بشوط الاول کذا فی الذخیرۃاھ

(फतावा हिंदिया पाठ१  पेज २५०. दुर्रे मुख्तार पेज १६१)

         और बहारे शरीअत में है कि अगर सई मरवह से शुरू कि तो पहला फेरा मरवह से सफा को 
 शुमार ना किया जाएगा, अब कि  सफा से मरवह  जाएगा यह पहला फेरा हुआ 
(बिहार शरीयत भाग  ६मसअला न. २४ )

       और वाजिबाते हज में है कि सफा से सई शुरू करना (वाजिब) है और अगर मरवह से शुरू कि तो  पहला फेरा शुमार ना किया जाये गा । इसे दोहराए । (बहारे शरीअत भाग ६  हज के दवाजिबात)

واللہ تعا لیٰ اعلم بالصواب



हिन्दी ट्रानलेट 

मौलाना रिजवानुल क़ादरी सेम्बरी 





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