उस्ताद बच्चों को किस लकड़ी के डंडे से मार सकता है
सवाल उस्ताद बच्चों को किस लकड़ी के डंडे से मार सकता है
जवाब लकड़ी डंडे वगैरा से नहीं बल्कि हाथ से मारना चाहिए और एक वक़्त में तीन (३) मर्तबा से ज़ाएद पिटाई ना होने पाए,
हुजूर आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू तहरीर फरमाते हैं
زدن معلم کو دکاں را وقت حاجت بقدر حاجت محض بغرض تنبیہ واصلاح ونصیحت بے تفرقہ اجرت وعدم اجرت روا ست اماباید کہ بدست زنند نہ بچوب و درکرتے برسہ بار نیفزایند
दुर्रे मुख्तार में है
لایجوز ضرب ولدالحر بامرابیہ اما المعلم فلہ ضربہ لمصلحۃ التعلیم
ज़रूरत पेश आने पर बक़दरे हाजत तंबीह, इस्लाह और नसीहत के लिए बिला तफरीक़ उजरत व अदम उजरत उस्ताद का बदनी सज़ा देना और सर जंश से काम लेना जायज़ है मगर यह सज़ा लकड़ी डंडे वगैरा से नहीं बल्कि हाथ से होनी चाहिए और एक वक़्त में ३ मर्तबा से ज़ाएद पिटाई ना होने पाए,
चुनांचे फतावा शामी में है कि किसी आज़ाद बच्चे को उस के वालिद के हुक्म के बगैर मारना जायज़ नहीं, लेकिन उस्ताद तालीमी मसलिहत के तहत पिटाई कर सकता है (फतावा रज़विया जिल्द २३ सफा ६५२)
والله تعالی اعلم بالصواب
मिन जानिब ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप
हिन्दी ट्रान्सलेट
मौलाना रिजवानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी