किस सूरत में अमले कसीर की बिना पर भी नमाज़ फसीद नहीं होती
सवाल क्या कोई ऐसी सूरत है जिस से अमले कसीर के बिना पर भी नमाज़ फासिद नहीं होती
जवाब वह अमले कसीर जो नमाज़ के लिए हो या इस्लाहे नमाज़ के लिए हो, इस से नमाज़ फसिद नहीं होती ना इमाम की ना मुक़तदी की,
मसलन लंबा रुकू और लंबा सजदा करना या दौराने नमाज़ हदस लाहिक़ होने पर वज़ू करना और वज़ू के लिए जाना,
दुर्रे मुख्तार में है
و يفسدها كل عمل كثيرليس من أعمالها ولا لإصلاحها
रद्दुल मुहतार में है
(قوله ليس من أعمالها) احتراز عما لو زاد ركوعا أو سجودا مثلا فإنه عمل كثير غير مفسد لكونه منها غير أنه يرفض لأن هذا سبيل ما دون الركعة ط (قوله ولا لإصلاحها) خرج به الوضوء والمشي لسبق الحدث فإنهما لا يفسدانها ط
(रद्दुल मुहतार अलद्दुर्रे मुख्तार जिल्द २ सफा ३८४ ता ३८५)
والله تعالی اعلم بالصواب
मिन जानिब ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप
हिन्दी ट्रान्सलेट
मौलाना रिजवानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी