मुक़ीम मुक़्तदी मुसाफिर इमाम की इक़्तिदा करे तो क्या हुक्म है?

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मुक़ीम मुक़्तदी मुसाफिर इमाम की इक़्तिदा करे तो क्या हुक्म है?


 सवाल:  क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला में कि मुसाफिर इमाम के सलाम फेर देने के बाद मुक़ीम मुक़्तदी किस तरह नमाज़ मुकम्मल करेगा

 साईल:अहमद रज़ा (दरभंगा)

 जवाब:  मुसाफिर इमाम अपनी दो रकाते मुकम्मल करके सलाम फेर दे तो मुक़ीम मुक़्तदी अपनी बची हुई दोनों रकअतों को पूरा करें इन दो रकआत में फातिहा पढ़ने के मिक़्दार खामोश खड़ा रहे कुछ ना पढ़े जैसा कि हुजूर सदरूश्शरिया फरमाते हैं अदा व क़ज़ा दोनों में मुक़ीम मुसाफिर की इक़्तिदा कर सकता है और इमाम के सलाम के बाद अपनी बाकी दो रकातें पढ़ ले और उन रकअतों में किरात बिल्कुल ना करे बल्कि बक़दरे फातिहा चुपचाप खड़ा रहे (बहार ए शरीअत जिल्द १ हिस्सा ४ सफा ७२)

 और फिर अत्तहिय्यात व दुरूद व दुआ ए मासूरा पढ़कर हस्ब साबिक़ नमाज़ मुकम्मल करे

        والله اعلم بالصواب
 अज़ क़लम 
 हज़रत मुफ्ती मोहम्मद रज़ा अमजदी  

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