क्या मां से दूध बख्शवाना ज़रूरी है
सवाल:हजरत क्या मां से दूध बख्शवाना ज़रूरी है ?
साईल:अब्दुर्रहमान
जवाब:बहरूल उलूम हुजूर मुफ्ती अब्दुल मन्नान साहब किबला अलेहिर्रहमा तहरीर फरमाते हैं
कि शरीयत में दूध पिलाने वाली का दूध पीने वाले पर कोई मुतालबा नहीं इसलिए दूध बख्शवाना कोई शरई हुक्म नहीं इसके अलावा भी औलाद पर मां के बेशुमार हुक़ूक़ हैं इंतकाल के बाद हुक़ूक़ की अदायगी की यही सूरत है कि उनके हक़ में दुआ ए खैर और उनके लिए एसाले सवाब करे(फतावा बहरुल उलूम जिल्द 2 सफा 79)
मां से दूध बख्शवाने को ज़रूरी समझना जाहिलाना ख्याल है क्योंकि अपने बच्चों को दूध पिलाना मां का हक़ है तो मांएं दूध पिला कर अपना हक़ अदा करती हैं ना यह कि बच्चों पर कर्ज़ का बोझ डालती हैं अलबत्ता बच्चा पर यह उनका एहसान है कि जिस की वजह से अल्लाह ने उनका मर्तबा बहुत ऊंचा कर दिया है और औलाद को भी हुस्न सुलूक का हुक्म दिया है:(माह नामा कंज़ुल इमान दिल्ली सफा 18 मार्च 2015)
واللہ اعلم بالصواب
अज़ क़लम
मेराज अहमद मिस्बाही मदीनतुल ओल्मा घोसी