बतौरे तअज्जूब अल्लाहु अकबर कहा और नियत बांध ली तो क्या हुक्म है

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बतौरे तअज्जूब अल्लाहु अकबर कहा और नियत बांध ली तो क्या हुक्म है

 सवाल  ज़ैद नमाज़ पढ़ने के लिए मुसल्ले पर खड़ा था कोई हादसा पेश आ गया बतौरे तअज्जुब अल्लाहु अकबर कहा और उसी तकबीर से नमाज़ शुरु कर दी नमाज़ का क्या हुकुम है

 जवाब  सुरते मसउला में ज़ैद की नमाज़ ना हुई

 यानी दोबारा पढ़े क्योंकि तकबीरे तहरीमा फराईज़े नमाज़ में से है

 हुजूर सदरुश्शरिया अलैहिर्रहमां फरमाते हैं 
 अगर बतौरे तअज्जुब अल्लाहु अकबर कहा या मुअज़्ज़िन के जवाब में कहा और उसी तकबीर से नमाज़ शुरु कर दी, नमाज़ ना हुई

 (बहारे शरीअत हिस्सा सोम फराईज़े नमाज़ मसअला १०)


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