नमाज़ ए ईद का तरीक़ा
सवाल: क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम कि नमाज़ ए ईद का तरीक़ा क्या है ? मुफस्सल तहरीर फरमा दें
साईल:अब्दुल गफ्फार क़ादरी
जवाब:नमाज़ ए ईदुल फित्र का तरीक़ा यह है कि पहले इस तरह नियत करें कि मैंने दो रकात नमाज़ ए ईदुल फित्र वाजिब मअ ज़ाएद छ: (6) तकबीरों के वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर कहता हुआ कानों तक ले जाए फिर ला कर नाफ़ के नीचे हाथ बांध ले फिर सना पढ़े फिर अल्लाहु अकबर कहता हुआ कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ छोड़ दे फिर हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ छोड़ दे फिर हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले यानी पहली तकबीर में हाथ बांधे, इस के बाद दो तकबीरों में हाथ लटकाए फिर चौथी तकबीर में बांध ले इसको यूँ याद रखे कि जहां तकबीर के बाद कुछ पढ़ना है वहां हाथ बांध लिए जाएं और जहां पढ़ना नहीं है वहां हाथ छोड़ दिए जाएं, फिर इमाम अऊज़ु और बिस्मिल्लाह आहिस्ता पढ़ कर जहर के साथ अल्हम्दु और सूरत पढ़े फिर रुकूअ व सजदा करे, दूसरी रकात में पहले अलहम्दु व सूरत पढ़े फिर तीन बार कान तक हाथ ले जाकर अल्लाहु अकबर कहे और हाथ ना बांधे और चौथी बार बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहता हुआ रूकूअ में जाए फिर सजदा करे फिर अत्ताहियात व दुरूद शरीफ पढ़ कर सलाम फिर दे
याद रहे कि हर दो तकबीरों के दरमियान तीन तसबीह की कद्र स्कता करे
इसके बाद खुत्बा पढ़े याद रहे खुत्बा पढ़ने से पहले बैठना नहीं है बल्कि खड़े हो जाना है अलबत्ता खुत्बा शुरू कर ने से क़ब्ल 9 बार अल्लाहु अकबर कहे की सुन्नत है, फिर इमाम बैठ जाए और दूसरे खुत्बा से क़ब्ल 7 बार अल्लाहु अकबर कहे फिर खुत्बा ए सानी पढ़े, फिर 14 बार अल्लाहु अकबर कहे इस के बाद दुआ मांगे
नोट (1) ईदैन में अज़ान कहने की इजाज़त नहीं है सिर्फ दो बार इतना कहने की इजाज़त है "अस्सालातु जामिआ
(2) नमाज़े ईदुल अज़हा का भी यही तरीक़ा है बस फर्क़ इतना है कि नियत में ईदुल फित्र के बजाए ईदुल अज़हा कहना होगा
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद ह़न्फी क़ादरी वाह़िदी उतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)