फर्ज़ और वाजिब में क्या फर्क़ है
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की वाजिब और फर्ज़ में फर्क़ क्या है इसकी वज़ाहत फरमाएं बड़ी मेहरबानी होगी
साईलएहसान रज़वी किशनगंज (बिहार)
जवाब फर्ज़ उसे कहते हैं जो दलीले क़तई से साबित हो यानी ऐसी दलील जिस में कोई शुब्हा ना हो जिसका सबूत कुरआन पाक या हदीसे मुतवातिरा से हो,
(फतावा फक़ीहे मिल्लत जिल्द १ सफा २०४)
और वाजिब उसे कहते हैं जिसकी ज़रूरत दलीले ज़न्नी से साबित होयानी जिस का सबूत कुरआन पाक या हदीसे मुतवातिरा से ना होबल्कि अहादीस या महज़ अकवाले अइम्मा से हो,
(फतावा फक़ीह मिल्लत जिल्द १ सफा २०४)
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ क़लम फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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